Kharge vs Shah: "गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी खत्म..", शाह के कुंभ स्नान पर खड़गे का प्रहार
Kharge vs Shah: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के महाकुंभ दौरे पर तीखा हमला किया। खड़गे ने कहा कि शाह के "गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी खत्म नहीं होगी।"
खड़गे का शाह पर तीखा हमला
मध्य प्रदेश के महू में आयोजित "जय बापू, जय भीम, जय संविधान" रैली को संबोधित करते हुए खड़गे ने बीजेपी और आरएसएस पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, "बीजेपी नेता गंगा में डुबकी लगाने की होड़ में लगे हुए हैं, वह भी सिर्फ कैमरों के लिए। मैं किसी की आस्था को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता। लेकिन जब देश में बच्चे भूख से मर रहे हैं, मजदूरों को उनका हक नहीं मिल रहा है, तब ये लोग गंगा स्नान पर हजारों रुपये खर्च कर रहे हैं। क्या इससे गरीबी मिटेगी?"
RSS-BJP को बताया "देशद्रोही"
खड़गे ने अपने भाषण में बीजेपी-आरएसएस को "देशद्रोही" करार दिया। उन्होंने कहा, "अगर गरीबी और बेरोजगारी से छुटकारा पाना है, तो संविधान की रक्षा करें और एकजुट रहें। आरएसएस के लोग, जो आज कांग्रेस को गालियां देते हैं, उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में कुछ नहीं किया। वे हमेशा ब्रिटिश सरकार के साथ रहे।" खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर भी हमला बोलते हुए कहा, "उन्होंने इतने पाप किए हैं कि वे सौ जन्मों में भी स्वर्ग नहीं जा सकते।"
खड़गे के बयान पर बीजेपी का पलटवार
बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने खड़गे के बयान को "करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर हमला" करार दिया। उन्होंने कहा, "महाकुंभ को लेकर पूरी दुनिया बात कर रही है, लेकिन कांग्रेस पार्टी इसे नकार रही है। खड़गे का बयान शर्मनाक है। क्या राहुल गांधी और सोनिया गांधी किसी अन्य धर्म को लेकर ऐसी बात कह सकते हैं?" पात्रा ने कांग्रेस पर "सनातन धर्म विरोधी मानसिकता" का आरोप लगाते हुए कहा, "राहुल गांधी और कांग्रेस को इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। यह बयान सिर्फ सनातन धर्म के अनुयायियों को नहीं, बल्कि पूरे देश को आहत करता है।"
अमित शाह का महाकुंभ दौरा
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में महाकुंभ के दौरान पवित्र स्नान किया। शाह के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, योग गुरु बाबा रामदेव और अन्य संत-महात्मा भी मौजूद थे।
शाह ने कहा कि महाकुंभ भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक है और इसे संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है। खड़गे और बीजेपी के बीच बयानबाजी ने देश में राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन पर राजनीतिक विवाद का यह दौर आने वाले चुनावों के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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