Kolkata Doctor Case: डीएनए और फोरेंसिक जांच के लिए AIIMS की मदद लेगी CBI
Kolkata Doctor Case: कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप और हत्या कांड मामले में सीबीआई डीएनए और फोरेंसिक रिपोर्ट पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के विशेषज्ञों से परामर्श करेगी ताकि इस संभावना पर स्थिति साफ हो सके कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अंदर ट्रेनी के बलात्कार और हत्या (Kolkata Doctor Case) में एक से अधिक लोग शामिल थे या नहीं। एजेंसी एक पुख्ता मामला बनाना चाहती है, यही वजह है कि वह एम्स दिल्ली की राय लेना चाहती है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ये रिपोर्ट और एम्स की समीक्षा सीबीआई को यह पता लगाने में मदद करेगी कि क्या संजय रॉय ही एकमात्र आरोपी था जिसने अपराध किया। अधिकारियों ने कहा कि अब तक एजेंसी इस बात पर काम कर रही है कि रॉय ही अपराध में एकमात्र आरोपी था, लेकिन एम्स के विशेषज्ञों की राय मिलने के बाद ही अन्य लोगों की संलिप्तता से इनकार किया जाएगा। महिला का अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। वह अस्पताल में अपनी 36 घंटे की शिफ्ट के दौरान कमरे में सो रही थी, जब रॉय ने कथित तौर पर उस पर हमला किया। 9 अगस्त की सुबह उसका शव गंभीर चोटों के साथ मिला था।
पुलिस ने 10 अगस्त को संजय रॉय नामक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया, जब उसे सीसीटीवी फुटेज में 9 अगस्त को सुबह 4.03 बजे सेमिनार हॉल में प्रवेश करते देखा गया। आरोपी संजय से गहन पूछताछ की गई और पुलिस ने उसके बाएं गाल पर "हाल ही में लगी चोटों", उसके बाएं हाथ में बाएं और अनामिका के बीच खरोंच और बाएं जांघ के पीछे खरोंच के निशान भी देखे, जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि पीड़िता और आरोपी के बीच संघर्ष हुआ होगा।
संजय का पॉलीग्राफी टेस्ट
सीबीआई ने संजय रॉय का झूठ पकड़ने वाला टेस्ट भी करवाया है। संजय घोष ने शुरू में अपना अपराध स्वीकार किया था। हालांकि, हाल ही में वह अपने बयान से पलट गया और खुद को निर्दोष बताया। मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, पीड़िता के साथ ड्यूटी पर मौजूद चार डॉक्टर और एक नागरिक स्वयंसेवक का भी पॉलीग्राफ टेस्ट किया जा चुका है। वहीं, पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया है कि अपराध में एक से अधिक लोग शामिल थे। हालांकि, सामूहिक बलात्कार की संभावना के बारे में अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।
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