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Mamta Kulkarni: किन्नर अखाड़ा प्रमुख ने ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को किया निष्कासित, 'देशद्रोह' का है आरोप

Mamta Kulkarni: किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर ऋषि अजय दास ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) को अखाड़े से निष्कासित करने की घोषणा की। इसके साथ ही, ऋषि अजय दास ने...
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Mamta Kulkarni: किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर ऋषि अजय दास ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) को अखाड़े से निष्कासित करने की घोषणा की।

इसके साथ ही, ऋषि अजय दास ने महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को भी कथित देशद्रोह के आरोपों के चलते अखाड़े से निष्कासित कर दिया। उन्होंने कहा कि त्रिपाठी ने बिना उनकी अनुमति के ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की, जो अखाड़े की परंपराओं और सनातन धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ है।

ऋषि अजय दास ने अपने बयान में कहा, "लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को महामंडलेश्वर पद से मुक्त कर दिया गया है, क्योंकि वे धार्मिक प्रचार, अनुष्ठान और किन्नर समाज के उत्थान के लिए अपने पद की जिम्मेदारियों से विमुख हो गए थे।"

ममता कुलकर्णी की नियुक्ति पर उठे सवाल

ममता कुलकर्णी, जो 1990 के दशक में 'करण अर्जुन' और 'बाज़ी' जैसी फिल्मों से मशहूर हुई थीं, हाल ही में प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की घोषणा के साथ किन्नर अखाड़ा से जुड़ी थीं। अखाड़े के महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने उन्हें "श्री यमाई ममता नंदगिरी" नाम से महामंडलेश्वर पद पर नियुक्त किया था।

हालांकि, इस नियुक्ति पर कई सवाल उठे। ट्रांसजेंडर कथावाचक जगतगुरु हिमांगी सखी मां ने इसे अखाड़े की साख के खिलाफ बताया और कहा, "ममता कुलकर्णी को केवल प्रचार के लिए महामंडलेश्वर बनाया गया है। उनका अतीत सबको पता है। वे नशीली दवाओं से जुड़े मामलों में जेल भी जा चुकी हैं। ऐसे में उनकी नियुक्ति की जांच होनी चाहिए।"

ऋषि अजय दास ने आगे आरोप लगाया कि लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने 2019 के प्रयागराज कुंभ में जूना अखाड़ा से एक गुप्त समझौता किया था, जिसके तहत बिना किसी विधिवत धार्मिक प्रक्रिया या संन्यास लिए लोगों को अखाड़े में शामिल किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि यह समाज और सनातन धर्म प्रेमियों के साथ धोखा है, इसलिए उन्होंने यह निर्णय सार्वजनिक हित में लिया है।

निष्कासन के बाद अखाड़े में विवाद तेज

ऋषि अजय दास के इस फैसले के बाद किन्नर अखाड़ा में मतभेद और विवाद गहरा गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी और ममता कुलकर्णी की ओर से इस निष्कासन के फैसले पर क्या प्रतिक्रिया आती है।

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