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Manipur Illegal Bunkers Dismantled: मणिपुर में शांति की ओर कदम, हथियार सरेंडर का आंकड़ा 300 के पार

Manipur Illegal Bunkers Dismantled: जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में आम जनता द्वारा 42 और हथियार तथा कारतूस आत्मसमर्पण किए गए हैं।
05:38 PM Mar 02, 2025 IST | Ritu Shaw

Manipur Illegal Bunkers Dismantled: जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में आम जनता द्वारा 42 और हथियार तथा कारतूस आत्मसमर्पण किए गए हैं। इसके अलावा, सुरक्षा बलों ने कई अवैध बंकर भी ध्वस्त किए। पुलिस ने रविवार को इसकी जानकारी दी।

पांच जिलों में हथियारों का आत्मसमर्पण

शनिवार को इम्फाल पश्चिम और पूर्व, चुराचांदपुर, बिष्णुपुर और तमेंगलोंग जिलों में हथियार आत्मसमर्पित किए गए। पुलिस के अनुसार, बिष्णुपुर जिले में दो पिस्तौल समेत पांच हथियार, 6 ग्रेनेड और 75 से अधिक कारतूस सौंपे गए।

तमेंगलोंग जिले के कैमाई पुलिस थाने में 17 देशी बंदूकें, 9 'पोम्पी' (स्थानीय रूप से निर्मित मोर्टार) और कारतूस आत्मसमर्पित किए गए। इसके अलावा, यैंगंगपोकी, पोरमपट, चुराचांदपुर और लमसांग पुलिस थानों में कम से कम 10 हथियार और कारतूस जमा कराए गए।

सुरक्षा बलों की कार्रवाई: अवैध बंकर नष्ट, हथियार बरामद

सुरक्षा बलों ने इम्फाल पश्चिम जिले के सैरमखुल इलाके में तलाशी अभियान चलाया, जिसमें कई हथियार बरामद किए गए। इनमें शामिल हैं:

इसके अलावा, सुरक्षा बलों ने कांगपोकपी जिले के मार्क हिल और थिंगसाट हिल रेंज में दो अवैध बंकरों को ध्वस्त किया। वहीं, वाकान हिल रेंज में कांगपोकपी और इम्फाल पूर्व जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में तीन और अवैध बंकर नष्ट किए गए।

हथियार सरेंडर करने की समय सीमा बढ़ाई गई

राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने 20 फरवरी को हिंसा में शामिल गुटों से सुरक्षा बलों से लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को सात दिनों के भीतर आत्मसमर्पण करने की अपील की थी। इस अवधि में मुख्य रूप से घाटी जिलों में 300 से अधिक हथियार आत्मसमर्पित किए गए। बाद में, जनता की मांग पर इस समय सीमा को बढ़ाकर 6 मार्च की शाम 4 बजे तक कर दिया गया।

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू

मई 2023 से मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच चली आ रही जातीय हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। बढ़ती हिंसा के चलते केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया, जिसके बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया। साथ ही, राज्य विधानसभा, जिसकी अवधि 2027 तक थी, को निलंबित कर दिया गया।

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