Manipur Peace Talk: मणिपुर में शांति रोडमैप लागू, गृह मंत्रालय की कुकी और मैतेई संगठनों से बातचीत
Manipur Peace Talk: मणिपुर में शांति बहाली के प्रयासों के तहत गृह मंत्रालय (MHA) ने बुधवार सुबह इंफाल के बाबूपारा में नागरिक समाज महासंघ (FOCS) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। यह बैठक गृह मंत्रालय द्वारा कुकी-जो काउंसिल (KZC) और अन्य कुकी संगठनों, जिसमें समिति ऑन ट्राइबल यूनिटी (COTU) भी शामिल है, उनके नेताओं से चर्चा के एक दिन बाद हुई।
KZC और COTU कुकी संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि FOCS एक मैतेई संगठन है। बैठक के बाद FOCS के अध्यक्ष-प्रभारी बी.एम. याइमा शाह ने बताया कि गृह मंत्रालय (उत्तर-पूर्व) के सलाहकार ए.के. मिश्रा ने आश्वासन दिया कि मणिपुर में शांति बहाली के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है और इसे लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शांति पहल अपने पहले चरण में प्रवेश कर चुकी है।
SoO समझौते पर पुनर्विचार की योजना
शाह ने यह भी बताया कि कुकी उग्रवादियों के साथ निलंबन समझौता (SoO) समाप्त हो चुका है, लेकिन इसे रद्द नहीं किया गया है। मिश्रा ने स्पष्ट किया कि इस समझौते की समीक्षा कर इसे संशोधित किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर सरकार द्वारा NH-2 (इंफाल-दीमापुर) को आंशिक रूप से खोलने की पहल प्रतीकात्मक थी। मिश्रा ने कहा कि सरकार अब और सख्त कदम उठाएगी ताकि राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध आवागमन सुनिश्चित किया जा सके।
कुकी संगठनों के साथ बैठक और अनिर्णायक वार्ता
मंगलवार को चुराचांदपुर में जिला आयुक्त कार्यालय में कुकी संगठनों के नेताओं के साथ तीन घंटे की बैठक हुई। इस दौरान हाल ही में कांगपोकपी घटना सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई, जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों के विरोध में हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे।
बैठक में कुकी समुदाय के लिए अलग प्रशासन की मांग, संघर्ष विराम, और अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। KZC ने एक बयान जारी कर कहा, "हमारे नेताओं ने अपनी मांगों पर दृढ़ता दिखाई, और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने भी अपने रुख को स्पष्ट किया। इसी कारण कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका और आगे की चर्चा के लिए बैठक स्थगित कर दी गई।"
कांगपोकपी हिंसा के वीडियो वायरल
इस बीच, मंगलवार रात कांगपोकपी मुख्यालय में कुकी युवाओं द्वारा सुरक्षाबलों पर हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसके अलावा, केंद्रीय सुरक्षा बल के एक एंबुलेंस को जबरन रोकने का वीडियो भी सामने आया। हालांकि, मणिपुर पुलिस ने अब तक इस घटना में शामिल प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई की रिपोर्ट जारी नहीं की है।
राज्य परिवहन सेवाओं की बहाली और हिंसा
मणिपुर सरकार ने 8 मार्च को सख्त सुरक्षा उपायों के साथ मणिपुर स्टेट ट्रांसपोर्ट (MST) बस और हेलीकॉप्टर सेवाएं फिर से शुरू कीं। इसके बाद कुकी-प्रभावित जिलों में प्रदर्शनकारियों ने अलग-अलग स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया और इंफाल से सेनापति जिले जा रही एक राज्य परिवहन बस को रोकने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारियों ने निजी वाहनों को आग के हवाले कर दिया, राजमार्गों को अवरुद्ध किया, पत्थरबाजी की और सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी भी की, जिसके जवाब में सुरक्षाबलों को बल प्रयोग करना पड़ा। इस घटना के बाद KZC ने शनिवार मध्यरात्रि से अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा कर दी।
राजमार्गों पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित
मंगलवार को केवल 241 वाहन NH-37 (इंफाल-सिलचर-दीमापुर) और NH-2 (इंफाल-दीमापुर) पर चल सके। जबकि, KZC द्वारा लगाए गए बंद के कारण 500 से अधिक वाहन, जिनमें यात्री वाहन भी शामिल थे, दोनों राष्ट्रीय राजमार्गों पर फंसे रहे। NH-2 कांगपोकपी जिले से होकर गुजरता है, जो कुकी बहुल क्षेत्र है।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू
गत माह केंद्र सरकार ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया, जब मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने भाजपा विधायकों की बगावत के बाद इस्तीफा दे दिया। इससे एक माह पूर्व केंद्र सरकार ने पूर्व गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को राज्यपाल नियुक्त किया था।
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