Manipur Violence: हिंसा रोकने के लिए गृह मंत्रालय ने सुरक्षा बलों को दिए निर्देश, क्षेत्र में स्थिति 'नाजुक'
Manipur Violence: मणिपुर हिंसा पर गृह मंत्रालय (MHA) ने शनिवार को एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि मणिपुर में कानून और व्यवस्था बहाल करने के लिए सुरक्षा बलों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्रालय ने सुरक्षा स्थिति को "नाजुक" बताया है, दो समुदायों (मैतेई और कुकी) के बीच सशस्त्र संघर्ष हो रहे हैं, जिनके कारण जानमाल का नुकसान और सार्वजनिक व्यवस्था भंग हुई है।
गृह मंत्रालय (MHA) की जानकारी
मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि हिंसा या अन्य विघटनकारी गतिविधियों में लिप्त किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रभावी जांच सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण मामलों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपा गया है। जनता से शांति बनाए रखने, अफवाहों पर विश्वास न करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने की अपील की गई है।
Security forces have been directed to take necessary steps to restore order and peace in Manipur
Details: https://t.co/wBIVwaWE3P@HMOIndia@PIB_India@PIBImphal @DDNewslive @airnewsalerts
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) November 16, 2024
स्थिति नियंत्रण के लिए लगा AFSPA
स्थिति को स्थिर करने के प्रयास में, गृह मंत्रालय ने गुरुवार को मणिपुर के पांच जिलों के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (AFSPA) को 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दिया। प्रभावित क्षेत्रों में सेक्माई, लामसांग, लामलाई, जिरीबाम, लैमाखोंग और मोइरांग शामिल हैं। ये क्षेत्र इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, जिरीबाम, कांगपोकपी और बिष्णुपुर जिलों में आते हैं। यह निर्णय राज्य की सुरक्षा स्थिति की विस्तृत समीक्षा के बाद लिया गया।
जातीय हिंसा जारी
पिछले साल मई से जारी जातीय हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों की जान गई है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। जिरीबाम में इस साल की शुरुआत में एक किसान का शव मिलने के बाद तनाव बढ़ गया था, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। हाल ही में बोरबेक्रा पुलिस स्टेशन पर हुए हमले में दस संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। हालांकि, आदिवासी समूहों का दावा है कि मृतक अपने गांवों की रक्षा कर रहे स्वयंसेवक थे।
शुक्रवार को चुराचांदपुर जिले में न्याय की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ। कुकी महिला संगठन फॉर ह्यूमन राइट्स द्वारा आयोजित इस रैली में प्रतिभागियों ने सुरक्षा बलों की निंदा करते हुए पोस्टर लेकर मार्च किया।
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