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Maoist Leader Chalapati: कौन था माओवादी नेता चलपति और उस पर क्यों था 1 करोड़ का इनाम?

Maoist Leader Chalapati: छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में बीती रात सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की। माओवादी नेता जयाराम रेड्डी उर्फ चलपति को एक मुठभेड़ में मार गिराया गया। 60 वर्षीय चलपति, जिनके अन्य नाम (Maoist Leader Chalapati) रामचंद्र...
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Maoist Leader Chalapati: छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में बीती रात सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की। माओवादी नेता जयाराम रेड्डी उर्फ चलपति को एक मुठभेड़ में मार गिराया गया। 60 वर्षीय चलपति, जिनके अन्य नाम (Maoist Leader Chalapati) रामचंद्र रेड्डी, अप्पाराव और रामु भी थे, माओवादी संगठन के शीर्ष नेतृत्व में शामिल थे। इस अभियान में चलपति समेत 19 अन्य माओवादी मारे गए।

कौन है माओवादी संगठन का कद्दावर नेता चलपति?

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के मदनपल्ले से ताल्लुक रखने वाले चलपति ने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की थी। सीमित शैक्षणिक पृष्ठभूमि के बावजूद, वे माओवादी संगठन की केंद्रीय समिति (सीसीएम) के सदस्य बने। यह समिति संगठन की नीतियों और अभियानों का निर्णय लेने वाली टॉप यूनिट है। चलपति पर ₹1 करोड़ का इनाम था, जो संगठन में उनकी अहमियत और सुरक्षा बलों के लिए उनके महत्व को दर्शाता है। उनकी सुरक्षा के लिए हमेशा 8-10 सशस्त्र गार्ड मौजूद रहते थे।

रणनीति और नेतृत्व में माहिर

चलपति बस्तर के दुर्गम जंगलों से भलीभांति परिचित थे। उनके पास अत्याधुनिक हथियार जैसे ए.के-47 और एसएलआर राइफल थीं। उन्होंने माओवादी अभियानों को रणनीतिक रूप से संचालित किया और कठिन परिस्थितियों में संसाधनों को जुटाने में महारत हासिल की। हाल के महीनों में उन्होंने अबूझमाड़ क्षेत्र में बढ़ते एनकाउंटर के कारण अपना ठिकाना बदलकर गरियाबंद-ओडिशा सीमा के समीप बना लिया था, जिसे अपेक्षाकृत सुरक्षित क्षेत्र माना जाता था।

मुठभेड़ का विवरण

चलपति और उनके सहयोगियों को सुरक्षा बलों ने खुफिया जानकारी के आधार पर कुलारिघाट के रिजर्व फॉरेस्ट में घेर लिया। मुठभेड़ में जिला रिजर्व गार्ड, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), कोबरा कमांडो और ओडिशा के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया। मुठभेड़ स्थल से हथियार, गोला-बारूद और बम बरामद किए गए। अभी तक चलपति के अन्य साथियों की पहचान नहीं हो पाई है।

गृह मंत्री अमित शाह का बयान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस अभियान को माओवाद के खात्मे की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता बताया। उन्होंने कहा, "यह नक्सलवाद पर एक और बड़ा प्रहार है। हमारे सुरक्षा बलों की मेहनत से नक्सलवाद अपने अंतिम चरण में है।"

सरकार की नीतियां और अभियान

सरकार माओवादियों को हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित कर रही है। पिछले साल 800 माओवादी गिरफ्तार हुए, जबकि 802 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। सुरक्षा बलों ने 2024 में 219 माओवादियों को मार गिराया, जिनमें से 217 बस्तर क्षेत्र से थे। बस्तर क्षेत्र में दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर, सुकमा और अन्य जिले शामिल हैं। यह मुठभेड़ सरकार के माओवाद मुक्त भारत के लक्ष्य को साकार करने की ओर एक बड़ा कदम है।

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