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Muslim population in India: भारत में हिन्दुओं की संख्या घटी , 65 सालों में 43 फीसदी बढ़ी मुस्लिम आबादी

Muslim population in India नई दिल्ली। इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल टू प्राइम मिनिस्टर की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश में हिंदुओं की आबादी घट रही है तो मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है। ईएसी ने जो वर्किंग पेपर...
03:39 PM May 09, 2024 IST | Ranjan Ravi

Muslim population in India नई दिल्ली।कोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल टू प्राइम मिनिस्टर की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश में हिंदुओं की आबादी घट रही है तो मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है। ईएसी ने जो वर्किंग पेपर जारी किया है उसके अनुसार पिछले 65 सालों में भारत में मुस्लिम आबादी में 43 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है जबकि हिंदू आबादी में 7.81 फीसदी की गिरावट आई है।

हिंदू आबादी में 7.81 प्रतिशत की गिरावट

ईएसी वर्किंग पेपर में जिन 167 देशों का विश्लेषण किया गया है, उनमें सिर्फ भारत और म्यांमार में ही धार्मिक बहुसंख्यक आबादी की हिस्सेदारी में गिरावट आई है और इस मामले में म्यांमार भारत से आगे है। म्यांमार में धार्मिक बहुसंख्यक आबादी की हिस्सेदारी में 10 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। जिसके अनुसार भारत में 1950 से 2015 तक धार्मिक बहुसंख्यक आबादी की हिस्सेदारी में 7.81 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं इसी अवधि के दौरान मुस्लिम आबादी की हिस्सेदारी 43.15 प्रतिशत बढ़ गई है। इसका अर्थ है कि हिन्दुओं की आबादी 84.68 फीसदी से गिरकर 78.06 फीसदी पर आ गई है। वहीं भारत में 1950 में मुस्लिम आबादी 9.84 फीसदी की हिस्सेदारी पर थी, जो कि 2015 में 14.09 फीसदी हो गई है, यानी मुस्लिम आबादी की हिस्सेदारी में 43.15 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है।

देश में सिखों और ईसाईयों की हिस्सेदारी भी बढ़ी

इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल टू प्राइम मिनिस्टर की रिपोर्ट के अनुसार भारत में सिख, ईसाई, बौद्ध और मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार देश में जैन और पारसी समुदाय की आबादी में गिरावट आई है। 1950 में देश में ईसाई समुदाय की आबादी 2.24 फीसदी थी जो कि 2015 तक 5.38 फीसदी बढ़कर अब 2.36 फीसदी हो गई है। इसी तरह भारत में 1950 से 2015 के बीच सिख आबादी की हिस्सेदारी में 6.58 फीसदी की बढ़त हुई है । सिख आबादी 1.24 फीसदी से बढ़कर 1.85 फीसदी हो गई है। बौद्ध समुदाय की आबादी 1950 में 0.05 फीसदी थी, जो कि 2015 में बढ़कर 0.81 फीसदी हो गई।

जैन और पारसी समुदाय की हिस्सेदारी में भी आई गिरावट

ईएसी की रिपोर्ट के अनुसार देश में जैन समुदाय की आबादी में गिरावट दर्ज हुई है। 1950 में जैन समुदाय की आबादी की हिस्सेदारी भारत में 0.45 फीसदी थी जो कि 2015 में घटकर 0.36 फीसदी रह गई। इसी तरह पारसी समाज की आबादी में 85 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। भारत में 1950 में पारसी समुदाय की आबादी की हिस्सेदारी 0.03 फीसदी थी, जो 2015 में गिरकर 0.004 तक गिर गई है।

भारत के पड़ोसी देशों में घटी अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी

बढ़ती-घटती जनसंख्या के आधार पर दक्षिण एशिया के पड़ोसी देशों से तुलना करें तो धार्मिक बहुसंख्यक आबादी की गिरावट के मामले में भारत सिर्फ म्यांमार से ही पीछे है। रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार की बौद्ध आबादी में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है। नेपाल में भी हिंदू आबादी में 3.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

भारत में अल्पसंख्यक ज्यादा सुरक्षित

ईएसी की वर्किंग पेपर की मानें तो भारत में अल्पसंख्यक समुदाय न सिर्फ सुरक्षित हैं बल्कि फल-फूल रहा है। ये दावा तब और मजबूत हो जाता है, जब रिपोर्ट में बताया जाता है कि भारत के पड़ोसी देशों- बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, भूटान और अफगानिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी में भारी गिरावट हुई है जबकि धार्मिक बहुसंख्यक आबादी की हिस्सेदारी बढ़ी है । इस तरह दुनिया के रुझानों को देखते हुए भारत में ज्यादा स्थिरता है और कहा जा सकता है कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं।

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