National Girl Child Day: राष्ट्रीय बालिका दिवस पर राहुल गांधी का संदेश, बेटियों के लिए समानता और अधिकार पर दिया ज़ोर
National Girl Child Day: 24 जनवरी को पूरे देश में राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने बेटियों के उज्ज्वल और सुरक्षित भविष्य की तैयारी को लेकर अपनी जिम्मेदारी पर जोर दिया।
इस मौके पर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया, उन्होंने 'X' पर लिखा, "बेटियां शक्ति, साहस और समर्पण का प्रतीक हैं; वे अपने बेहतर कल के लिए उम्मीदों और आकांक्षाओं से भरी होती हैं।" उन्होंने आगे कहा, "हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके लिए एक उज्ज्वल और सुरक्षित भविष्य तैयार करें। आधी आबादी को पूर्ण अधिकार देने का संकल्प लें।"
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस मौके पर लैंगिक समानता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, "सच्ची प्रगति का आधार लैंगिक समानता है। कांग्रेस-यूपीए ने 2008 में राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत की थी, जो भारत के संवैधानिक सिद्धांतों में निहित है।" उन्होंने सभी से बालिकाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और उचित पोषण सुनिश्चित करने की अपील की।
राष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य और महत्व
राष्ट्रीय बालिका दिवस, जिसे 2008 में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था, उसका उद्देश्य बालिकाओं के अधिकार, शिक्षा और कल्याण को बढ़ावा देना है। यह दिन उन असमानताओं पर ध्यान केंद्रित करने का एक अवसर है जिनका सामना लड़कियों को करना पड़ता है।
इस अवसर पर समाज में लड़कियों के प्रति सोच में बदलाव लाने, कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने, घटते लिंगानुपात के प्रति जागरूकता फैलाने और लड़कियों के लिए एक समावेशी और समान माहौल बनाने की दिशा में कदम उठाए जाते हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिया संदेश
खड़गे ने अपने पोस्ट में लिखा, "आइए, राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर हम यह संकल्प लें कि हर लड़की को उसके अधिकार मिले और उसे शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के सभी अवसर प्रदान किए जाएं।"
लड़कियों के लिए एक बेहतर समाज की ओर कदम
राष्ट्रीय बालिका दिवस केवल एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें लड़कियों के प्रति समाज के नजरिए को बदलने और उन्हें उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। यह दिन न केवल जागरूकता का प्रतीक है बल्कि लड़कियों के लिए समानता और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने का एक आह्वान भी है।
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