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National Investigation Agency: गृह मंत्रालय की बड़ी कार्रवाई, AAC और JKIM को गैरकानूनी संगठन घोषित किया

National Investigation Agency: केंद्र सरकार ने मंगलवार को आवामी एक्शन कमेटी (AAC) और JKIM पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
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National Investigation Agency: केंद्र सरकार ने मंगलवार को आवामी एक्शन कमेटी (AAC) और जम्मू-कश्मीर इत्तिहादुल मुस्लिमीन (JKIM) पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने इन संगठनों पर विरोधी भारत प्रचार और अलगाववाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। गृह मंत्रालय (MHA) ने इन दोनों संगठनों को गैरकानूनी संगठन घोषित करते हुए कहा कि ये संगठन गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) के तहत प्रतिबंधित किए गए हैं।

AAC पर आरोप

सरकार के अनुसार, अवामी एक्शन कमेटी (AAC), जिसका नेतृत्व उमर फारूक कर रहे हैं, आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने और जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को भड़काने में शामिल पाया गया है।

गृह मंत्रालय ने अपने नोटिफिकेशन में कहा कि AAC के सदस्य संविधान के प्रति अपमानजनक रवैया अपनाते हुए भारत विरोधी भावनाएं भड़काने और अलगाववादी विचारधारा को फैलाने में संलिप्त रहे हैं। संगठन पर गैरकानूनी गतिविधियों के लिए धन जुटाने, आतंकवादी समूहों को समर्थन देने और भड़काऊ भाषण देने जैसे आरोप भी लगाए गए हैं।

MHA ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और राज्य पुलिस ने AAC के कई सदस्यों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए हैं।

JKIM पर आरोप

गृह मंत्रालय के अनुसार, जम्मू-कश्मीर इत्तिहादुल मुस्लिमीन (JKIM), जिसका नेतृत्व मसरूर अब्बास अंसारी कर रहे हैं, पर भी आतंकवाद का समर्थन करने और भारत विरोधी प्रचार फैलाने का आरोप है। MHA के नोटिफिकेशन में कहा गया कि JKIM के सदस्य गैरकानूनी गतिविधियों के लिए धन जुटाने, अलगाववादी अभियान चलाने, और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने में शामिल पाए गए हैं।

JKIM पर आरोप है कि वह जनता को भड़काने, सशस्त्र संघर्ष को प्रोत्साहित करने, और भारत सरकार के प्रति नफरत फैलाने जैसी गतिविधियों में लिप्त रहा है।

प्रतिबंध का आधार

गृह मंत्रालय ने UAPA अधिनियम की धारा 3(1) के तहत इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही, धारा 3(3) के तहत सरकार ने इस प्रतिबंध को प्रभावी बनाए रखने के लिए अपने विशेषाधिकार का उपयोग किया है, जिससे यह प्रतिबंध अगले पांच वर्षों तक लागू रहेगा।

सरकार ने प्रतिबंध को उचित ठहराते हुए कहा कि अगर इन संगठनों को अपनी गतिविधियां जारी रखने की अनुमति दी जाती, तो वे भारत की क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते थे। गृह मंत्रालय ने आगाह किया कि JKIM भविष्य में भी जम्मू-कश्मीर की भारत में विलय को चुनौती देने, अलगाववाद का समर्थन करने और जनता में असंतोष भड़काने की कोशिश कर सकता है।

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