प्रधानमंत्री मोदी का महाकुंभ स्नान... भगवा वस्त्र, रुद्राक्ष और सूर्य को अर्घ्य देते हुए दिखे भक्तिभाव में लीन!
PM Modi In Prayagraj Mahakumbh 2025 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज महाकुंभ के दौरान संगम में डुबकी लगाकर धार्मिक यात्रा की शुरुआत की। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कई प्रमुख साधु-संत भी मौजूद थे। इस ऐतिहासिक मौके पर पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया गया, जहां बमरौली एयरपोर्ट पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी ने उन्हें राजकीय सम्मान दिया।
यह प्रधानमंत्री मोदी का महाकुंभ का दूसरा दौरा था, (PM Modi In Prayagraj Mahakumbh 2025 )जो इस बार महाकुंभ के अद्वितीय धार्मिक माहौल में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। 13 दिसंबर को पहले दौरे के बाद अब प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर संगम में पहुंचकर कुंभ मेले की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को और मजबूती से महसूस कर रहे हैं। इस दौरान उनका दो घंटे से अधिक समय तक प्रयागराज में रहना और वहां के माहौल को समर्पित करना दर्शाता है कि इस महाकुंभ की गूंज देश-विदेश में सुनाई दे रही है।
VIP सुरक्षा के बीच पीएम मोदी का विशेष दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विमान बमरौली एयरपोर्ट पर उतरा, जहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम ने उनका स्वागत किया। वहां से पीएम मोदी हेलिकॉप्टर के जरिए डीपीएस हैलिपैड पहुंचे, फिर कड़े सुरक्षा घेरे में उनका काफिला अरैल के VIP घाट तक पहुंचा। वहां से बोट के जरिए वह संगम नोज पहुंचे।
महाकुंभ में 54 दिनों में दूसरी बार पहुंचे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह महाकुंभ 2025 का दूसरा दौरा है। इससे पहले वे 13 दिसंबर 2024 को भी कुंभ नगरी आए थे। इस दौरान उन्होंने संत समाज से मुलाकात की थी और मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लिया था।
संगम नोज पर की पूजा, संतों से की चर्चा
संगम नोज पर पहुंचकर पीएम मोदी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच आस्था की डुबकी लगाई और मां गंगा का पूजन किया। उन्होंने संगम तट पर साधु-संतों से भी मुलाकात की और उनके साथ संवाद किया।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम
पीएम मोदी के दौरे को देखते हुए महाकुंभ मेले में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। संगम क्षेत्र में पैरामिलिट्री फोर्स तैनात की गई है, ताकि स्नान और पूजा-अर्चना के दौरान किसी भी श्रद्धालु को कोई परेशानी न हो। इसके अलावा, मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया है।
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