PM Modi Guard Of Honour: कुवैत में गूंजा 'हला मोदी', मिला गार्ड ऑफ ऑनर
PM Modi Guard Of Honour: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रविवार को कुवैत में दो दिवसीय राजकीय यात्रा के दौरान भव्य स्वागत और गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। यह 43 वर्षों में पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री खाड़ी देश की यात्रा पर गए हैं।
मोदी का यह दौरा कुवैत के अमीर, शेख मेशाल अल-अहमद अल-जाबेर अल-सबह के निमंत्रण पर हुआ। बायान पैलेस में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जिसमें शेख मेशाल भी मौजूद थे।
भारतीय समुदाय से संवाद
शनिवार को प्रधानमंत्री ने कुवैत में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की और 'हला मोदी' कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने गल्फ स्पिक लेबर कैंप का भी दौरा किया और वहां भारतीय श्रमिकों से मुलाकात की। श्रमिकों के योगदान को सराहते हुए उन्होंने उनकी कड़ी मेहनत की प्रशंसा की और उन्हें "विकसित भारत 2027" के अपने विजन से जोड़ा।
द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर
अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी ने कुवैत न्यूज एजेंसी (KUNA) को एक साक्षात्कार दिया, जिसमें उन्होंने भारत और कुवैत के बीच व्यापार और वाणिज्य को द्विपक्षीय संबंधों की मजबूत नींव बताया। उन्होंने ऊर्जा साझेदारी को व्यापार में अद्वितीय मूल्य जोड़ने वाला बताया।
मोदी ने 'मेक इन इंडिया' उत्पादों की खाड़ी देश में उपस्थिति पर खुशी जताई और गैर-तेल व्यापार के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि फेलाका द्वीप पर मिली खोजें भारत और कुवैत के ऐतिहासिक संबंधों की गवाही देती हैं।
उन्होंने कहा, "भारत और कुवैत के संबंध दोस्ती और गर्मजोशी पर आधारित रहे हैं। भारतीय रुपया 1961 तक कुवैत में कानूनी मुद्रा थी, जो हमारी अर्थव्यवस्थाओं की घनिष्ठता को दर्शाता है।"
भविष्य की साझेदारी के लिए दृष्टि
प्रधानमंत्री ने कुवैत के अमीर और अन्य उच्च पदाधिकारियों के साथ रक्षा, व्यापार, निवेश और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की उपलब्धि का उल्लेख किया और कहा कि भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
संस्कृति और पर्यटन पर विचार
पीएम मोदी ने भारत और कुवैत के बीच सांस्कृतिक संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय फिल्मों और खाद्य परंपराओं ने दोनों देशों के बीच मजबूत सांस्कृतिक सेतु का काम किया है। उन्होंने यह भी बताया कि एक कुवैती विद्वान ने रामायण और महाभारत का अरबी में अनुवाद किया है।
उन्होंने कुवैती नागरिकों को भारत की विविधता और पर्यटन स्थलों का अनुभव लेने का निमंत्रण दिया और कहा कि यह दोनों देशों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को और गहरा करेगा।
निवेश और व्यापार पर फोकस
कुवैत निवेश प्राधिकरण द्वारा भारत में किए गए निवेश का उल्लेख करते हुए मोदी ने भारत की आर्थिक प्रगति, व्यापार में सुगमता, और विदेशी निवेशकों के लिए स्थिरता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के दृष्टिकोण, जैसे कि भारत का "विकसित भारत 2027" और कुवैत का "विजन 2035", कई मामलों में मेल खाते हैं।
भारतीय प्रवासी की भूमिका
प्रधानमंत्री ने कुवैत में 10 लाख से अधिक भारतीय समुदाय की उपस्थिति को द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक मजबूत कड़ी बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि कुवैत प्रशासन भारतीय समुदाय के योगदान को मान्यता देगा और उन्हें प्रोत्साहन देता रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाएगी और यह साझेदारी बहुआयामी और लाभकारी होगी।"
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