राजस्थानराजनीतिनेशनलअपराधकाम री बातम्हारी जिंदगीधरम-करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बात

Proba-3 Mission Lunch: ISRO ने सफलतापूर्वक लॉन्च किया प्रोबा-3 मिशन, यूरोपीय स्पेस एजेंसी का भी सहयोग शामिल

Proba-3 Mission Lunch: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के प्रोबा-3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित इसरो के अंतरिक्ष केंद्र से शाम 4:04 बजे (IST) हुआ। यह मिशन...
04:26 PM Dec 05, 2024 IST | Ritu Shaw
Proba-3 Mission Lunch: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के प्रोबा-3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित इसरो के अंतरिक्ष केंद्र से शाम 4:04 बजे (IST) हुआ। यह मिशन...

Proba-3 Mission Lunch: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) के प्रोबा-3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित इसरो के अंतरिक्ष केंद्र से शाम 4:04 बजे (IST) हुआ। यह मिशन इसरो और इसकी व्यावसायिक शाखा, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL), तथा ESA के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग का प्रतीक है। इस मिशन का उद्देश्य सौर घटनाओं और अंतरिक्ष मौसम के पैटर्न को बेहतर तरीके से समझना है।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग

प्रोबा-3 मिशन एक बहुराष्ट्रीय प्रयास है, जिसमें कई यूरोपीय देशों जैसे स्पेन, बेल्जियम, पोलैंड, इटली, और स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिकों का संयुक्त प्रयास शामिल है। इस मिशन का बजट €200 मिलियन है और यह दो वर्षों तक चलेगा। मिशन में दो प्रमुख घटक शामिल हैं: 200 किलोग्राम वजनी ऑक्ल्टर स्पेसक्राफ्ट और 340 किलोग्राम का कोरोनाग्राफ स्पेसक्राफ्ट। दोनों उपग्रह मिलकर सूर्य के विस्तृत अध्ययन के लिए एक सौर कोरोनाग्राफ बनाएंगे।

सूर्य के कोरोना का अध्ययन करने का मिशन

प्रोबा-3 मिशन का मुख्य लक्ष्य सूर्य के कोरोना (Corona) का अध्ययन करना है, जो अपनी अत्यधिक गर्मी (2 मिलियन डिग्री फ़ारेनहाइट तक) के लिए जाना जाता है। यह परत अंतरिक्ष मौसम घटनाओं जैसे सौर तूफानों और हवाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जो पृथ्वी पर सैटेलाइट संचार, नेविगेशन सिस्टम और पावर ग्रिड को बाधित कर सकते हैं। मिशन "ऑन-डिमांड सौर ग्रहण" प्रदान करेगा, जिससे वैज्ञानिक इस कठिनाई से अध्ययन किए जाने वाले सूर्य के हिस्से तक लगातार पहुंच प्राप्त कर सकेंगे।

तकनीकी उपलब्धि

इस मिशन का एक अन्य लक्ष्य प्रिसिजन फॉर्मेशन फ्लाइंग तकनीक का प्रदर्शन करना है, जो भविष्य के अंतरिक्ष अन्वेषण मिशनों के लिए महत्वपूर्ण है। प्रोबा-3 उपग्रह एक "बड़े कठोर ढांचे" के रूप में कार्य करेंगे, जो सूर्य के कोरोना का सटीक अध्ययन करने में सक्षम बनाएगा। यह नई तकनीक सूर्य के बाहरी वायुमंडल के बारे में अभूतपूर्व जानकारी प्रदान करने की उम्मीद है और पृथ्वी पर आधारित प्रणालियों को प्रभावित करने वाली अंतरिक्ष मौसम घटनाओं को समझने में मदद करेगी।

यह भी पढ़ें: Maharashtra CM: कल महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे एकनाथ शिंदे, फडणवीस सरकार का कैबिनेट विस्तार

Tags :
ISRO launchisro launch todayISRO Proba 3 Launch LiveISRO Proba-3Proba 3 launchProba 3 missionProba-3 Mission Lunch
Next Article