कभी खुद नरेंद्र मोदी...फिर भजनलाल और अब रेखा गुप्ता, आखिर क्यों खास है पहली बार के विधायकों को CM बनाने का फॉर्मूला?
Delhi CM Rekha Gupta: देश की राजधानी दिल्ली को आज नया मुख्यमंत्री मिल गया है. बीजेपी 27 साल बाद प्रचंड बहुमत के साथ जीतकर दिल्ली की सत्ता में लौटी है जिसके बाद बीजेपी हाईकमान ने पहली बार की विधायक रेखा गुप्ता को शासन करने का अवसर दिया है. गुरुवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रेखा गुप्ता को सीएम पद की शपथ दिलाई. वहीं रेखा के साथ सरकार के 6 मंत्रियों ने भी शपथ ली है. दिल्ली की रेखा सरकार में परवेश वर्मा, मनजिंदर सिंह सिरसा, आशीष सूद, पंकज सिंह, कपिल मिश्रा और रविंदर इंद्रराज सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है.
रेखा शर्मा के सीएम बनने के बाद एक बार फिर बीजेपी के नए प्रयोग की चर्चा दिल्ली के सियासी गलियारों में होने लगी जहां पहली बार के विधायक और संगठन के एक कार्यकर्ता पर बीजेपी ने सीएम का दांव खेला है. दरअसल इससे पहले प्रवेश वर्मा को लेकर काफी गहमागहमी चल रही थी हालांकि उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया है. मालूम हो कि इससे पहले राजस्थान में भी बीजेपी ने पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा को सीएम की कुर्सी पर बिठाया था. अब दिल्ली के सत्ता में एक महिला सीएम की वापसी होते ही शीला दीक्षित राज की भी चर्चा होने लगी है.
"यह हर महिला के लिए गर्व की बात है..."
दिल्ली की भावी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण समारोह पर राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कहा - "यह हर महिला के लिए गर्व की बात है कि एक महिला मुख्यमंत्री को शासन करने का अवसर दिया गया है...दिल्ली की जनता को पिछली सरकार द्वारा… pic.twitter.com/2VkbW0HAIR
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) February 20, 2025
बता दें कि दिल्ली के सियासी इतिहास में रेखा गुप्ता 9वीं मुख्यमंत्री बनी हैं. वहीं आजादी के बाद जब पहली बार दिल्ली में 1952 में विधानसभा चुनाव हुए थे तो कांग्रेस के चौधरी ब्रह्म प्रकाश यादव दिल्ली के पहले सीएम बने थे. वहीं बीजेपी का पहली बार के विधायकों को सीएम बनाने का फॉर्मूला बीते दिनों से काफी चर्चा में है जहां बीजेपी के इतिहास में ऐसे तीन नेता हुए हैं जो विधायक बनते ही मुख्यमंत्री बन गए जिनमें सबसे पहला नाम मौजूदा समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही है. जी हां, मोदी बीजेपी के एकलौते ऐसे नेता हैं जो मुख्यमंत्री बनने से पहले कभी भी ना तो विधायक थे और ना ही सांसद. मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद उपचुनाव में विधायक चुने गए थे.
खुद नरेंद्र मोदी ने शुरू की परंपरा
बता दें कि पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं लेकिन ऐसा पहली बार नहीं है, जब बीजेपी ने पहली बार के विधायक को मुख्यमंत्री की कुर्सी दी हो. मालूम हो कि रेखा से पहले भी दो नेताओं को इसी तरह मुख्यमंत्री बनाया गया था. वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद मुख्यमंत्री बनने से पहले कभी विधायक और सांसद नहीं थे. मोदी बीजेपी के एकलौते नेता हैं जो मुख्यमंत्री बनने के बाद विधायक चुने गए थे.
राजस्थान में भजनलाल पर दांव
वहीं 2023 में राजस्थान में बीजेपी की सत्ता आने के बाद जब भजनलाल शर्मा को सीएम बनाया गया तो हर कोई हैरान रह गया. नरेंद्र मोदी ने संगठन के मंझे हुए खिलाड़ी और कई बार महामंत्री रहे भजनलाल शर्मा को राजस्थान की कुर्सी दी. भजनलाल शर्मा के सीएम बनने को तो उनकी ही पार्टी के कई नेताओं ने कल्पना भी नहीं की थी.
बता दें कि भजनलाल विधानसभा चुनाव के दौरान सिर्फ टिकट की आस लगाए बैठे थे लेकिन विधायक बनते ही वह सीधा राज्य के मुख्यमंत्री बनाए गए. दरअसल राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया और गजेंद्र सिंह शेखावत जैसे कई सीनियर नेता मुख्यमंत्री की रेस में माने जाते रहे हैं और 2 बार की सीएम वसुंधरा राजे का सूबे में एक दौर था लेकिन बीजेपी हाईकमान ने हर किसी को दरकिनार करते हुए विधायक दल की बैठक में भजनलाल शर्मा का ऐलान किया.
रेखा गुप्ता के साथ 21 दिन पहले दिखा विक्ट्री साइन
वहीं भाजपा नेत्री रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री मनोनीत किए जाने के बाद शपथ ग्रहण कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी पहुंचे और उन्हें शुभकामनाएं दी. सीएम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'मुझे पूर्ण विश्वास है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी मार्गदर्शन एवं आपके कुशल नेतृत्व में 'विकसित दिल्ली' की संकल्पना साकार होगी तथा राजधानी का चहुँमुखी विकास सुनिश्चित होगा.' मालूम हो कि इससे 21 दिन पहले ठीक 28 जनवरी को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दिल्ली में रेखा गुप्ता के समर्थन में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रचार किया था जहां उन्होंने रेखा गुप्ता जी को अधिक से अधिक वोटों से जिताने का आह्वान किया था.
सांगठनिक पकड़ और खांटी कार्यकर्ता
गौरतलब है कि दिल्ली की राजनीति में 27 साल बाद बीजेपी ने वापसी की है और 50 वर्षीय रेखा गुप्ता जिंदल को राज्य की नौवीं मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है. रेखा गुप्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) से लंबे समय से जुड़ी रही है और संगठन में कई पदों पर काम किया है. इसी तरह राजस्थान में भी यही प्रयोग किया गया था जहां 30 साल से अधिक संगठन में काम करने वाले भजनलाल शर्मा पर दांव लगाया गया था. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि बीजेपी मैसेंजिंग पॉलिटिक्स में विश्वास रखती है ऐसे में एक जमीन से जुड़े कार्यकर्ता को सत्ता के शिखर पर बिठाने से आखिरी कार्यकर्ता में संदेश जाता है. वहीं बीजेपी के कई नेता अक्सर कहते हैं कि जब भजनलाल शर्मा राजस्थान के सीएम बन सकते हैं तो बीजेपी जैसी पार्टी में आम कार्यकर्ता ही सब कुछ है.
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