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Shashi Tharoor Congress Rift: शशि थरूर की नाराजगी से कांग्रेस में हलचल, क्या छोड़ेंगे पार्टी?

Shashi Tharoor Congress Rift: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर इन दिनों अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे हैं।
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Shashi Tharoor Congress Rift: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर इन दिनों अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे हैं। उनके हालिया बयानों और तेवरों से यह साफ झलक रहा है कि वह कांग्रेस में अपनी अनदेखी से नाखुश हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की तारीफ कर उन्होंने पार्टी के भीतर हलचल मचा दी है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या शशि थरूर की यह नाराजगी कांग्रेस के लिए मुसीबत बन सकती है?

कांग्रेस में उपेक्षा से नाराज हैं थरूर

शशि थरूर चार बार से लगातार तिरुवनंतपुरम से सांसद चुने जा रहे हैं, लेकिन पार्टी संगठन में उन्हें कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी गई है। कांग्रेस के हालिया संगठनात्मक फेरबदल में भी उन्हें नज़रअंदाज किया गया, जिससे उनकी नाराजगी बढ़ गई है। थरूर को लगता है कि पार्टी में उन्हें हाशिए पर धकेला जा रहा है और उनका सही मूल्यांकन नहीं हो रहा।

मोदी और विजयन की तारीफ से मचा बवाल

थरूर ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे की सराहना करते हुए कहा था कि इससे देश को लाभ होगा। इसके अलावा, उन्होंने केरल की एलडीएफ सरकार की औद्योगिक नीति की भी तारीफ की। इन बयानों से कांग्रेस के भीतर असंतोष फैल गया और उन पर पार्टी लाइन से हटकर बयान देने का आरोप लगा।

अध्यक्ष चुनाव के बाद से बढ़ी दूरी

2022 में कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में शशि थरूर ने मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि, वह यह चुनाव हार गए, लेकिन उन्होंने पार्टी के लिए काम करने की इच्छा जाहिर की थी। इसके बावजूद, पार्टी नेतृत्व ने उन्हें संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी। थरूर ने इस पर नाखुशी जताई थी और कहा था कि उन्हें संसद में भी अपनी बात रखने का पर्याप्त अवसर नहीं दिया जा रहा।

केरल में नेतृत्व की चाहत

थरूर लगातार चार बार सांसद रह चुके हैं और केरल में कांग्रेस का बड़ा चेहरा बनने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि पार्टी उन्हें राज्य में नेतृत्व करने का मौका नहीं दे रही और केसी वेणुगोपाल को तरजीह दे रही है। केरल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, और थरूर की नाराजगी कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।

थरूर के पास क्या हैं विकल्प?

शशि थरूर ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर कांग्रेस को उनकी जरूरत नहीं है, तो उनके पास भी कई अन्य विकल्प मौजूद हैं। उन्होंने किताबें लिखने, भाषण देने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आमंत्रण मिलने जैसी संभावनाओं का जिक्र किया। साथ ही, उन्होंने पीएम मोदी और केरल सीएम पिनाराई विजयन की तारीफ कर यह संकेत भी दिया कि उनके लिए बीजेपी और वामपंथी दलों के दरवाजे भी खुले हुए हैं।

कांग्रेस के लिए खतरा?

अगर शशि थरूर कांग्रेस से अलग होते हैं, तो यह पार्टी के लिए बड़ा झटका हो सकता है, खासकर केरल में जहां कांग्रेस पहले से ही लेफ्ट और बीजेपी के दबाव में है। कांग्रेस के लिए थरूर जैसे प्रभावशाली नेता की नाराजगी खतरे की घंटी साबित हो सकती है। हालांकि, थरूर ने फिलहाल पार्टी छोड़ने से इनकार किया है, लेकिन उनकी नाराजगी पार्टी के लिए गंभीर संकेत दे रही है।

अब देखना होगा कि कांग्रेस नेतृत्व उनकी शिकायतों को कितना गंभीरता से लेता है और क्या कोई समाधान निकालता है, या फिर यह नाराजगी पार्टी के लिए और बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकती है।

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