Vande Mataram: फिर विवादों में रामगिरी महाराज, 'वंदे मातरम्' को राष्ट्रीय गान बनाने की मांग
Vande Mataram: छत्रपति संभाजीनगर, महाराष्ट्र – हिंदू धर्मगुरु रामगिरी महाराज ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि 'वंदे मातरम्' को भारत का राष्ट्रीय गान होना चाहिए। उनके अनुसार, वर्तमान राष्ट्रीय गान 'जन गण मन' वह गीत है जिसे रवींद्रनाथ टैगोर ने 1911 में ब्रिटिश राजा जॉर्ज पंचम के सामने गाया था, जब देश स्वतंत्र नहीं था।
राष्ट्रगान पर विवाद क्यों?
रामगिरी महाराज ने कहा, "जन गण मन देश के लिए नहीं गाया गया था। यह गीत उस समय के ब्रिटिश राजा के सम्मान में गाया गया था, जो भारत में अन्याय कर रहे थे।" उन्होंने यह भी कहा कि वंदे मातरम्, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक प्रेरणा स्रोत बना, उसको राष्ट्रीय गान का दर्जा मिलना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, "हमें इसके लिए एक संघर्ष छेड़ना होगा। वंदे मातरम् हमारा राष्ट्रीय गान होना चाहिए।"
सम्मान या अपमान का विषय
जब मीडिया ने उनके बयान को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सम्मान या अपमान का विषय नहीं है बल्कि सच्चाई को सामने रखने का प्रयास है। रामगिरी महाराज ने कहा, "अगर सच बोलना अपमान माना जा रहा है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।" रामगिरी महाराज छत्रपति संभाजीनगर में आगामी फिल्म 'मिशन अयोध्या' के ट्रेलर लॉन्च के अवसर पर मौजूद थे।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब रामगिरी महाराज ने विवादित बयान दिया हो। पिछले वर्ष उन्होंने पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके चलते महाराष्ट्र में उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे।
उनके इस नए बयान से सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर अन्य राजनीतिक और धार्मिक संगठनों की प्रतिक्रिया क्या रहती है।
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