VVIP Passes Cancelled: वीवीआईपी पास रद्द, कोई वाहन नहीं, महाकुंभ भगदड़ के बाद प्रशासन ने किया बदलाव
VVIP Passes Cancelled: महाकुंभ के संगम क्षेत्र में बुधवार तड़के मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। इस हृदयविदारक घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने कड़ी सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए सख्त उपाय लागू किए हैं। प्रशासन ने पांच महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिसमें पूरे मेले क्षेत्र को "नो-व्हीकल जोन" घोषित करने के आदेश भी शामिल है।
कैसे हुई भगदड़?
महाकुंभ मेले में बुधवार को मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने पहुंचे थे। इसी दौरान अधिक भीड़ के कारण अव्यवस्था फैल गई और श्रद्धालु बैरिकेड्स को धक्का देते हुए आगे बढ़ने लगे, जिससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। महाकुंभ के पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) वैभव कृष्ण ने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास किए गए, लेकिन भारी भीड़ के दबाव के कारण भगदड़ टल नहीं सकी।
प्रशासन द्वारा लागू किए गए 5 बड़े बदलाव:
पूरा मेला क्षेत्र नो-व्हीकल जोन घोषित: महाकुंभ क्षेत्र में सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है। हालांकि, 31 जनवरी, 1 फरवरी और 4 फरवरी को इस प्रतिबंध में छूट दी गई है।
- वीवीआईपी पास रद्द: किसी भी विशेष पासधारक को वाहन से प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- वन-वे रूट प्रणाली लागू: भक्तों की आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए एकतरफा मार्गों की व्यवस्था की गई है।
- बाहरी जिलों से वाहन प्रवेश पर रोक: प्रयागराज आने वाले वाहनों को जिले की सीमा पर ही रोक दिया जाएगा, जिससे यातायात व्यवस्था प्रभावित न हो।
- कड़ी पाबंदियां: 2 और 3 फरवरी को बसंत पंचमी स्नान के दौरान यातायात के लिए विशेष डायवर्जन योजना लागू की जाएगी।
प्रशासनिक अधिकारी तैनात
सरकार ने कुंभ क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को तत्काल प्रयागराज पहुंचने का निर्देश दिया है। 2019 अर्धकुंभ के दौरान इन अधिकारियों ने सफलतापूर्वक प्रबंधन किया था। इनके अलावा पांच विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को भी महाकुंभ की व्यवस्था देखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के तुरंत बाद उच्चस्तरीय बैठक बुलाई और भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन तथा विभागीय समन्वय को लेकर कड़े निर्देश दिए।
मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को संपूर्ण व्यवस्था की समीक्षा करने को कहा गया है।
एडीजी और जिलाधिकारी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि श्रद्धालुओं का सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से प्रयागराज से प्रस्थान हो।
देर रात वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्री ने प्रयागराज, कौशांबी, वाराणसी, अयोध्या, मिर्जापुर, बस्ती, जौनपुर और रायबरेली समेत कई जिलों के पुलिस अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए।
भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष इंतजाम
- रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ को देखते हुए, रेल प्रशासन के साथ समन्वय बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
- अतिरिक्त बसें लगाई जाएंगी ताकि भक्तों को लौटने में परेशानी न हो।
- सीमावर्ती क्षेत्रों में होल्डिंग ज़ोन बनाए गए हैं, जहां जरूरत पड़ने पर श्रद्धालुओं को रोककर भोजन, पेयजल और बिजली की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।
- प्रयागराज आने वाले सभी प्रमुख मार्गों (अयोध्या, कानपुर, फतेहपुर, लखनऊ, प्रतापगढ़ और वाराणसी) पर गश्त और यातायात नियंत्रण बढ़ाया गया है।
न्यायिक आयोग करेगा जांच
घटना के कारणों की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया गया है। इसमें न्यायमूर्ति हर्ष कुमार, पूर्व पुलिस महानिदेशक वीके गुप्ता, और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी वीके सिंह शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने घटना में जान गंवाने वालों के परिवारों को ₹25 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है।
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