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Alwar: रामगढ़ में चुनावी मौसम में आया बड़ा बदलाव: कांग्रेस-भाजपा के बीच छिपा है बड़ा राज, क्या थर्ड फ्रंट होगा खेल का मास्टर स्ट्रोक?

Third front impact: कांग्रेस विधायक जुबेर खां के निधन के बाद खाली हुई रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घड़ी नजदीक आ रही है। हालांकि चुनाव की तारीखें अभी तक घोषित नहीं हुई हैं, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा (BJP)और विपक्षी कांग्रेस (Congress)ने...
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Third front impact: कांग्रेस विधायक जुबेर खां के निधन के बाद खाली हुई रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घड़ी नजदीक आ रही है। हालांकि चुनाव की तारीखें अभी तक घोषित नहीं हुई हैं, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा (BJP)और विपक्षी कांग्रेस (Congress)ने अपनी-अपनी रणनीतियां तैयार करनी शुरू कर दी हैं। कांग्रेस ने रामगढ़ उपचुनाव (Ramgarh by-election 2024)के लिए एक विशेष कमेटी का गठन कर लिया है, जबकि भाजपा संगठन को मजबूत करने के लिए सदस्यता अभियान पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

क्या जुबेर खां का परिवार बनेगा कांग्रेस का चुनावी चेहरा?

कांग्रेस का मानना है कि वह दिवंगत नेता जुबेर खां (Juber Khan) के परिवार के किसी सदस्य को चुनावी मैदान में उतारकर सहानुभूति का लाभ उठा सकती है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, पूर्व विधायक और जुबेर खां की पत्नी, साफिया खां, को उम्मीदवार बनाने की संभावना अधिक है। इसके साथ ही, उनके पुत्रों का नाम भी चर्चा में है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा ने हाल ही में कहा था कि रामगढ़ उपचुनाव में पहले हक का अधिकार जुबेर खां के परिवार का है। क्या यह परिवार कांग्रेस के लिए जीत का मंत्र साबित होगा, यह देखने वाली बात होगी।

भाजपा में टिकट की बंटवारे की होड़

BJP की ओर से टिकट के लिए कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं। पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा, बनवारीलाल सिंघल, और पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे जय आहूजा जैसे नेताओं के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं। हालांकि, पार्टी के भीतर खींचतान की आशंका भी जताई जा रही है। क्या भाजपा की यह अंदरूनी राजनीति पार्टी की चुनावी रणनीति को कमजोर करेगी, या पार्टी एकजुट होकर रामगढ़ की सियासी जंग में उतरने में सफल होगी?

तीसरे मोर्चे की सियासी खामोशी

हालांकि, तीसरे मोर्चे (Third Front)  के दलों की गतिविधियां अभी चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन अगर कांग्रेस और भाजपा को टिकट नहीं मिला, तो ये दल भी चुनावी मैदान में किसी मजबूत प्रत्याशी को उतार सकते हैं। क्या ये दल इस चुनाव में खेल को बदलने में सक्षम होंगे, यह भी एक बड़ा प्रश्न है।

इस बार रामगढ़ उपचुनाव में मुख्य मुकाबला (Congress)कांग्रेस और (BJP)भाजपा के बीच रहने की संभावना है। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस के जुबेर खां और आजाद समाज पार्टी के सुखवंत सिंह के बीच रहा था, जिसमें भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी। अब देखना यह होगा कि क्या रामगढ़ की सियासत में कोई नई दिशा मिलेगी या फिर पुरानी परंपराएं बरकरार रहेंगी।

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