CM भजनलाल का मिच्छामि दुक्कड़म्: क्षमा और आत्मशुद्धि की ओर कदम बढ़ाएं
Collective Forgiveness Festival: जयपुर के महावीर स्कूल में जैन समाज की ओर से सामूहिक क्षमावाणी पर्व का भव्य आयोजन किया गया। इस समारोह में CM Bhajanlal Sharma ने भाग लिया और क्षमायाचना के महत्व को उजागर किया। उन्होंने इसे आत्मशुद्धि और मानसिक शांति का एक महत्वपूर्ण साधन बताया। सीएम शर्मा ने कहा कि "क्षमा केवल एक शब्द नहीं, बल्कि यह एक गहरी भावना है जो व्यक्ति को उसकी गलतियों को स्वीकार करने की प्रेरणा देती है।"
आत्मशुद्धि और मानसिक शांति का अद्भुत संदेश
सीएम शर्मा ने कार्यक्रम में उपस्थित जैन समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, "आचार्य शशांक सागर महाराज की वाणी में अद्भुत तेज और ओज है।" उन्होंने क्षमायाचना को एक ऐसे अवसर के रूप में देखा, जो व्यक्ति को अपनी गलतियों को पहचानने और सुधारने की प्रेरणा देता है। "जब हम क्षमा मांगते हैं, तो हम अपने दिल के बोझ को हल्का करते हैं और मानसिक शांति प्राप्त करते हैं," उन्होंने कहा।
समाज में सद्भावना का फैलाव
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि क्षमायाचना से न केवल व्यक्ति की आत्मा की शुद्धि होती है, बल्कि यह समाज में सद्भावना फैलाने का कार्य भी करती है। "यह दूसरों को यह महसूस कराती है कि आप उनके प्रति सहानुभूति रखते हैं," उन्होंने कहा। जैन धर्म में क्षमा याचना का विशेष महत्व है, जो संबंधों को सुधारने और सामाजिक सामंजस्य को बढ़ावा देने में सहायक होती है।
जैन समाज की सेवा की सराहना
भजनलाल शर्मा ने जैन समाज की सामाजिक सेवा के कार्यों की भी सराहना की। उन्होंने कहा, "राजस्थान का जैन समाज सदियों से शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और जरूरतमंदों की सहायता में अग्रणी रहा है।" उनके अनुसार, जैन समाज के अनेक ट्रस्ट और संगठन राज्य के विभिन्न हिस्सों में अस्पताल, स्कूल और धर्मशालाओं का संचालन कर रहे हैं, जो समाज के हर वर्ग का सहयोग करते हैं।
दसलक्षण पर्व का गहरा महत्व
कार्यक्रम में दसलक्षण पर्व की चर्चा करते हुए सीएम ने इसे मानवता के प्रेरणा स्रोत के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, "दसलक्षण न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग दिखाते हैं, बल्कि सामाजिक सामंजस्य और शांति की नींव भी रखते हैं।"
युवा पीढ़ी को आध्यात्म से जोड़ने की आवश्यकता
अंत में, सीएम ने युवा पीढ़ी को आध्यात्म से जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के विचारों का हवाला देते हुए कहा, "हमें आने वाली पीढ़ी को अपने आध्यात्मिक मूल्यों से जोड़ना चाहिए, जिससे वे अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें।"
ये भी पढ़ें: दौसा विधानसभा में छिपी हैं कई रहस्यमय दावेदारी: सचिन या किरोड़ी, कौन लाएगा बदलाव?