11 महीने बाद भजनलाल सरकार ने बदला नाम! जानिए अब किस नाम से चलेगी योजना!
Urban Employment Guarantee Scheme: राजस्थान में रोजगार सृजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना को आरंभ किया गया था। (Urban Employment Guarantee Scheme)हाल ही में, भजनलाल सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना कर दिया है। यह बदलाव न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि शहरी रोजगार की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। इस योजना के तहत, शहरी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को हर साल 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाता है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। राज्य सरकार इसके लिए हर वर्ष 800 करोड़ रुपये का बजट आवंटित करती है। नाम और लोगो में बदलाव के साथ, इस योजना को एक नई पहचान और दिशा देने का प्रयास किया गया है।
मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना
मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्र के निवासियों को रोजगार उपलब्ध कराना है। यह योजना विशेष रूप से 18 से 60 वर्ष की आयु के लोगों को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जिससे उन्हें वित्तीय सुरक्षा और आजीविका का सहारा मिल सके। योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों के निवासियों को जन आधार कार्ड पंजीकरण के माध्यम से हर साल 100 से 125 दिनों तक रोजगार दिया जाता है।
योजना की पृष्ठभूमि
- इस योजना की शुरुआत 2022-2023 के बजट भाषण में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की थी।
- योजना का उद्देश्य शहरी स्थानीय निकाय क्षेत्रों में रह रहे लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करना है।
- महामारी, आपदा, और प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए इसे और विस्तारित किया गया है।
योजना के तहत किए जाने वाले कार्य
इस योजना के तहत निम्नलिखित कार्य करवाए जाते हैं:
- वृक्षारोपण और रखरखाव: सार्वजनिक स्थानों पर पौधारोपण और उनका संरक्षण।
- पार्कों और फुटपाथों का रखरखाव: पार्कों की सफाई और डिवाइडर्स पर पौधों को पानी देना।
- नर्सरी तैयार करना: वन, बागवानी और कृषि विभागों के तहत पौधों की नर्सरी तैयार करना।
- सार्वजनिक स्थानों का विकास: शहरों में स्वच्छता और पर्यावरण सुधार से जुड़े कार्य।
योजना के नियम और भुगतान प्रक्रिया
- रोजगार पाने के लिए जन आधार कार्ड पंजीकरण अनिवार्य है।
- काम करने वाले मजदूरों को उनके बैंक खातों में 15 दिनों के भीतर भुगतान किया जाता है।
- योजना में भुगतान प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाने के लिए डिजिटलीकरण किया गया है।
विशेष परिस्थितियों में योजना की भूमिका
- महामारी और प्राकृतिक आपदा जैसे संकट के समय योजना ने प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों को सहायता प्रदान की।
- यह योजना उन लोगों के लिए सुरक्षा कवच बनी है जो संकट के समय रोजगार से वंचित हो जाते हैं।यह भी पढ़ें:Rajasthan: REET की आवेदन तिथि पर असमंजस ! एक दिसंबर से आवेदन शुरू होना मुश्किल, कब होंगे आवेदन?
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