JLF 2025: शशि थरूर बोले... मंदिर जाना मेरी पसंद, इंडिया अलायंस से इसका कोई सरोकार नहीं! जानें क्या बोले।
JLF 2025 Jaipur: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केंद्र सरकार के बजट पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा, "इस बजट में एक लाख रुपए महीने कमाने वाले व्यक्ति को राहत दी गई है, लेकिन सवाल ये है.... कि जब लोगों की जेब में पैसा ही नहीं है, तो वे टैक्स कहां से देंगे?" थरूर ने बजट को रोजगार सृजन में नाकाम बताया और कहा कि इस बजट में नौकरी तलाशने वालों के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। (JLF 2025 Jaipur)इसके साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर तंज कसते हुए यह भी कहा कि सरकार सिर्फ कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है। थरूर ने कुंभ, इंडिया अलायंस समेत कई मुद्दों पर भी अपने विचार व्यक्त किए, जो इस सत्र को राजनीतिक दृष्टिकोण से और भी अहम बनाते हैं।
बजट को बताया बेरोजगारी के मामले में नाकाम
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शशि थरूर ने केंद्र सरकार के बजट पर अपनी आलोचना जारी रखी। उन्होंने कहा कि इस बजट में रोजगार सृजन के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। शशि थरूर ने यह भी कहा कि इस बजट में रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं के लिए कोई राहत नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि एक लाख रुपये की सैलरी वाले व्यक्ति को टैक्स में राहत दी गई, लेकिन बेरोजगारी की समस्या को नजरअंदाज किया गया है। इसके साथ ही, उन्होंने सरकार की ओर से इस दिशा में कोई ठोस नीति न होने की बात कही।
शशि थरूर ने धर्म के मुद्दे पर दी अपनी राय
शशि थरूर ने धर्म और धार्मिक स्थलों पर जाने के मुद्दे पर अपनी स्पष्ट राय दी। उन्होंने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत मामला है, और कोई पार्टी या नेता यह तय नहीं कर सकता कि वह कहां जाएं। उन्होंने उदाहरण के रूप में कुंभ मेला और राम मंदिर का जिक्र किया और कहा कि वे निजी तौर पर इन स्थानों पर जाना नहीं पसंद करेंगे। थरूर ने यह भी कहा कि वीआईपी लोगों को धार्मिक स्थलों पर जाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे आम लोगों को परेशानी हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी व्यक्ति धर्म से जुड़ा फैसला खुद ले सकता है, और इसके लिए किसी को प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं है।
कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश
थरूर ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार केवल कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है, और बड़ी संख्या में लोग इससे प्रभावित नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने बेरोजगारी, शिक्षा और रोजगार सृजन के मुद्दों पर सरकार की प्राथमिकताओं की आलोचना की। थरूर ने कहा कि इस बजट में आम लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है, और सरकार को इन मुद्दों को पहले प्राथमिकता देनी चाहिए।
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