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वैराग्य या रणनीति? किरोड़ी लाल मीणा की तस्वीर से राजस्थान की राजनीति में उथल-पुथल!

राजस्थान की राजनीति में इन दिनों एक तस्वीर और एक बयान ने हलचल मचा दी है।
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Kirodi Lal Meena: राजस्थान की राजनीति में इन दिनों एक तस्वीर और एक बयान ने हलचल मचा दी है। राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने प्रयागराज में महाकुंभ स्नान की तस्वीर शेयर की है, जिसमें वे संगम तट पर धार्मिक अनुष्ठान करते नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही (Kirodi Lal Meena) उन्होंने गंगा-यमुना के संगम में स्नान करने को लेकर एक वेदशास्त्र सम्मत संदेश भी लिखा।

राजनीतिक हलचल क्यों?

इस तस्वीर के सामने आते ही सियासी गलियारों में अटकलों का दौर तेज हो गया। यूजर्स और राजनीतिक विश्लेषक इसे उनके 'वैराग्य' वाले बयान से जोड़कर देख रहे हैं। कुछ दिन पहले ही किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री पद को 'गले की घंटी' बताया था और इशारों-इशारों में इसे लालसोट विधायक रामबिलास को सौंपने की बात कही थी।

उनके इस बयान के बाद अब महाकुंभ स्नान की तस्वीर ने इन अटकलों को और हवा दे दी है। क्या वे सच में राजनीति से संन्यास लेने का मन बना चुके हैं, या यह सिर्फ एक धार्मिक यात्रा है? क्या राजस्थान की राजनीति में कोई बड़ा फेरबदल होने वाला है? यह सवाल अब भाजपा के भीतर भी चर्चा का विषय बन गया है।

दौसा के लालसोट में जताई थी यह इच्छा

कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने यह बयान दौसा जिले के लालसोट में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया था। उनके इस बयान में दुनिया से हताशा और वैराग्य जीवन की ख्वाहिश झलक रही थी। राजनीतिक विश्लेषक इसे राजनीति से संन्यास लेने की इच्छा से भी जोड़कर देख रहे थे।

जब किरोड़ी लाल ने कहा था.... "मेरे को भी वैराग्य हो जाए" अपने बयान में किरोड़ी लाल मीणा ने कहा था...."मैं प्रार्थना कर रहा हूं, हे पपलाज माता, मेरे गले में जो घंटारी लटका रखी है, वह इनके गले में लटक जाए। मैं तो रहना ही नहीं चाहता। ममता कुलकर्णी को वैराग्य हो गया, मैं भी जा रहा हूं। मेरे को भी वैराग्य हो जाए तो रामबिलास को और भी रास्ता मिल जाएगा।" उनके इस बयान ने सियासी हलचल मचा दी थी और इसे उनकी राजनीतिक संन्यास की ओर बढ़ते कदम के रूप में देखा जाने लगा।

बजट सत्र से अनुपस्थित हैं कैबिनेट मंत्री

कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र से अनुपस्थित हैं। उन्होंने स्पीकर से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अनुपस्थिति की अनुमति ली थी। इसी वजह से जब बुधवार को उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने राजस्थान का बजट पेश किया, तो वे सदन में मौजूद नहीं थे।

ऐसा पहली बार नहीं है जब किरोड़ी लाल मीणा विधानसभा सत्र के दौरान अनुपस्थित रहे हों। पिछले साल भी बजट सत्र के दौरान वे सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए थे। उनकी इस गैरमौजूदगी और वैराग्य वाले बयान को जोड़कर देखा जा रहा है, जिससे उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।

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