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बजट सत्र में क्यों नहीं होंगे किरोड़ीलाल मीणा? जानें उनका कारण, स्पीकर को भेजी चिट्ठी

राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र जब शुरू होने जा रहा है, तब कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने अपनी अनुपस्थिति की घोषणा कर दी है।
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Kirodi Lal Meena: राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र जब शुरू होने जा रहा है, तब कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने अपनी अनुपस्थिति की घोषणा कर दी है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को पत्र लिखकर इस सत्र में शामिल नहीं होने की अनुमति मांगी है। यह कदम कई सवालों को जन्म दे रहा है, (Kirodi Lal Meena)क्योंकि यह लगातार दूसरा वर्ष है जब मंत्री मीणा विधानसभा के बजट सत्र से अनुपस्थित रहेंगे। इसके पीछे क्या कारण हैं, और इसका राजनीतिक दृष्टिकोण पर क्या असर पड़ेगा, इस पर सभी की नजरें बनी हुई हैं।

 विपक्ष ने किया सरकार पर हमला

राजस्थान विधानसभा में कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की अनुपस्थिति ने राजनीतिक उथल-पुथल मचा दी है। विपक्षी दलों ने इस कदम को राज्य सरकार की कार्यशैली में खामियां और अक्षमता का प्रतीक माना है। विपक्ष का कहना है कि जब मंत्री सदन में उपस्थित नहीं होते, तो राज्य की महत्वपूर्ण नीतियों और योजनाओं की समीक्षा में गंभीर कमी हो सकती है।

विपक्ष ने उठाए मंत्री की अनुपस्थिति पर सवाल

विधानसभा के बजट सत्र के दौरान, जहां राज्य की आर्थिक स्थिति और विकास योजनाओं पर चर्चा होनी चाहिए, वहां कृषि और ग्रामीण विकास जैसे अहम मुद्दों पर मंत्री की अनुपस्थिति पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए। उनका कहना है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मंत्री हमेशा सदन में उपस्थित रहें, ताकि वे विभागीय कार्यों पर जवाबदेह रह सकें।

अन्य मंत्रियों को सौंपे जाने पर विपक्षी आरोप

विधानसभा में जब मंत्री की अनुपस्थिति के कारण अन्य मंत्रियों को जिम्मेदारी दी जाती है, तो विपक्षी दल इसे एक प्रकार की आपात स्थिति मानते हैं, जो सरकार की नाकामी को दर्शाता है। सरकार द्वारा किसी अन्य मंत्री को कृषि और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का उत्तर देने के लिए जिम्मेदारी सौंपने पर विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह सरकार की कमजोरियों को छिपाने का प्रयास है।

किरोड़ी मीणा का वैराग्य बयान..

किरोड़ी मीणा के महाकुंभ में वैराग्य लेने के बयान ने राजस्थान की राजनीति में नया मोड़ लिया है। राजनीति से संन्यास की ओर इशारा करते हुए मीणा ने कहा कि अगर उन्हें वैराग्य मिल गया, तो रामबिलास मीणा के लिए मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। यह बयान राजनीति में उनके भविष्य को लेकर सवाल खड़े करता है, और उनके समर्थकों में यह चिंता का विषय बन गया है।

क्या मीणा की अनुपस्थिति से उठेगा सवाल?

राज्य की राजनीतिक तस्वीर में डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की अनुपस्थिति से सरकार के कार्यों पर विपक्षी दल दबाव बना सकते हैं। एक मंत्री का लगातार गैरहाजिर रहना, खासकर बजट सत्र के दौरान, यह दर्शाता है कि सरकार को अब अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से लागू करने में मुश्किल हो सकती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सरकार इस स्थिति से निपट पाएगी, या विपक्ष इसे एक मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने में सफल होगा।

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