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मणिपुर की माफी पर सियासत गरमाई, अशोक गहलोत ने पीएम मोदी को क्यों घेरा? जानें क्या कहा?

Manipur Violence: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मणिपुर हिंसा और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की माफी पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा हमला किया है। गहलोत ने सिविल लाइन्स स्थित अपने आवास पर आयोजित एक...
04:16 PM Jan 01, 2025 IST | Rajesh Singhal

Manipur Violence: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मणिपुर हिंसा और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की माफी पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा हमला किया है। गहलोत ने सिविल लाइन्स स्थित अपने आवास पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मणिपुर में हुई हिंसा को न केवल अभूतपूर्व बल्कि शर्मनाक भी करार दिया। (Manipur Violence)उन्होंने इस हिंसा के मामले में प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए, साथ ही मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से भी माफी की मांग की। गहलोत का यह बयान राजनीतिक हलकों में भारी चर्चा का विषय बन गया है।

मणिपुर हिंसा पर केंद्र की खामोशी पर उठे सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मणिपुर हिंसा पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर में जो हुआ, वह न केवल एक अभूतपूर्व घटना थी, बल्कि यह केंद्र सरकार की नाकामी का भी प्रतीक है। गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर का दौरा नहीं किया और इस संवेदनशील मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए। उनका यह बयान मणिपुर के हालात में सरकार की अनदेखी और संवेदनहीनता को उजागर करता है।

राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की अपील की

गहलोत ने राजनीति से ऊपर उठकर मणिपुर में हुई हिंसा की गंभीरता पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मणिपुर हिंसा का समाधान सिर्फ राजनीति से नहीं बल्कि संवेदनशीलता और सोच-समझकर किए गए कदमों से ही संभव है।

उन्होंने केंद्र सरकार से मणिपुर की स्थिति पर शीघ्र कार्रवाई करने का आग्रह किया ताकि दो समुदायों के बीच शांति स्थापित की जा सके। गहलोत ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कोई ठोस योजना न होना देशवासियों के लिए चिंता का विषय है।

गहलोत की चुप्पी पर सवाल, विपक्ष का बढ़ा दबाव

गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए विपक्ष पर बढ़ते दबाव का संकेत दिया। उनका यह बयान इस समय केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करता है, जब मणिपुर की स्थिति ने पूरे देश को चिंतित कर दिया है। उनके सवाल और आरोप विपक्ष के लिए एक और अवसर हो सकते हैं, जहां वे प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर जवाब मांग सकते हैं। गहलोत के बयान ने मणिपुर हिंसा के संबंध में केंद्र सरकार की जवाबदेही को और बढ़ा दिया है।

भाजपा...मोदी की सरकार ने मणिपुर की अनदेखी की

गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा और मोदी की सरकार मणिपुर में हुई हिंसा की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर की जनता से माफी मांगनी चाहिए और मणिपुर के हालात पर ध्यान देने की आवश्यकता है। गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार की संवेदनहीनता से राज्य की स्थिति और भी बिगड़ सकती है।

नए साल पर गहलोत ने शोक व्यक्त किया

गहलोत ने नए साल पर कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया, क्योंकि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। गहलोत का कहना था कि यह समय शोक का है और इस पर कोई राजनीतिक आयोजन नहीं किया जाएगा।

 मणिपुर में हिंसा की कोई ठोस रोकथाम नहीं

गहलोत ने मणिपुर हिंसा की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार की नाकामी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति में कोई ठोस सुधार नहीं हुआ है और प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी और अनुपस्थिति ने राज्य के हालात को और जटिल बना दिया है। गहलोत ने केंद्र सरकार से मणिपुर की स्थिति सुधारने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की।

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