मेयर कुसुम यादव के खिलाफ पार्षदों की बगावत! डिप्टी मेयर बोले...बीजेपी गए तो फंसे, न घर के रहे, न घाट के...
Mayor Kusum Yadav: जयपुर नगर निगम हेरिटेज में सियासी उठापटक तेज हो गई है। राजनीतिक समीकरणों में बदलाव के साथ ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। कांग्रेस से बीजेपी में गए पार्षदों ने अब मेयर कुसुम यादव पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए नया सियासी मोर्चा खोल दिया है।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच डिप्टी मेयर असलम फारुखी ने नगर निगम की स्थिति के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि जब आम जनता और पार्षदों के काम ही नहीं हो रहे हैं, (Mayor Kusum Yadav)तो नगर निगम को भंग कर देना चाहिए। वहीं, कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए पार्षदों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि "ये ना इधर के रहे, ना उधर के!"
जयपुर नगर निगम हेरिटेज में चल रहा यह राजनीतिक संकट सिर्फ स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य की सियासत में भी हलचल पैदा कर रहा है। क्या पार्षदों की यह बगावत मेयर की कुर्सी पर संकट खड़ा करेगी या यह महज़ राजनीतिक दबाव की रणनीति है? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिलेंगे।
पार्षदों की नहीं हो रही सुनवाई
नगर निगम के डिप्टी मेयर असलम फारुखी ने जयपुर नगर निगम हेरिटेज में कार्यवाहक मेयर कुसुम यादव पर बड़ी अनदेखी के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जब से भारतीय जनता पार्टी ने कुसुम यादव को कार्यवाहक मेयर बनाया है, तब से निगम की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। पार्षदों की बात तक नहीं सुनी जा रही, विकास कार्यों की फाइलें अटकी पड़ी हैं, और मेयर खुद पार्षदों से मिलने तक से बच रही हैं। फारुखी ने सवाल उठाया कि आखिर बीजेपी ने उन्हें कार्यवाहक मेयर क्यों बनाया, जब वे नगर निगम को सही ढंग से चला ही नहीं रही हैं।
सरकार ने किया विश्वासघात
डिप्टी मेयर फारुखी ने भाजपा सरकार पर भी भारी आरोप लगाए और कहा कि उन्होंने जनता के बहुमत के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि जब राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी, तब नगर निगम ग्रेटर में बीजेपी की ही कार्यवाहक मेयर बनाई गई थी। लेकिन जब बीजेपी सत्ता में आई, तो नगर निगम हेरिटेज में कांग्रेस के बहुमत के बावजूद बीजेपी समर्थक पार्षद को मेयर बना दिया गया। फारुखी ने इसे अन्यायपूर्ण और अलोकतांत्रिक करार दिया और ऐलान किया कि वह जल्द ही आम जनता के साथ मिलकर नगर निगम मुख्यालय का घेराव करेंगे।
कांग्रेस से बीजेपी में गए पार्षद कहीं के नहीं रहे
कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए पार्षदों को लेकर भी फारुखी ने तंज कसते हुए कहा कि वे अब न कांग्रेस के रहे और न बीजेपी के। उन्होंने कहा कि यह पार्षद न जाने किस उम्मीद से बीजेपी में शामिल हुए, लेकिन आज उनकी स्थिति सबके सामने है। फारुखी ने कहा कि वे एक कहावत तो कहना चाहते हैं, लेकिन शब्दों में बयां नहीं कर सकते, हालांकि यह कहावत उन पार्षदों पर पूरी तरह से लागू होती है।
बीजेपी को समर्थन देने वाले पार्षद हुए नाराज
बीजेपी को समर्थन देने वाले कांग्रेस पार्षद अरविंद मेठी ने खुलकर नाराजगी जताई और कहा कि उन्होंने एक विश्वास के साथ बीजेपी का समर्थन किया था, लेकिन बदले में उन्हें विश्वासघात मिला। उन्होंने नगर निगम हेरिटेज की गंभीर स्थिति पर सवाल उठाए और कहा कि संचालन समितियों का गठन नहीं होने से आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निगम में अधिकारियों का ही पूरा नियंत्रण है, और पार्किंग ठेकों के नाम पर अवैध वसूली तक हो रही है।
हमें मेयर बनाने का नहीं मिला प्रतिफल
अरविंद मेठी ने कहा कि नगर निगम में स्थिति पहले जैसी ही बनी हुई है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अपनी पार्टी से बगावत कर बीजेपी को समर्थन देकर कार्यवाहक मेयर बनवाया, लेकिन अब वे खुद उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने नाराजगी जताई कि जब मेयर उनके वार्ड का दौरा करती हैं, तब भी उन्हें इसकी सूचना तक नहीं दी जाती।
डिप्टी मेयर पर मेठी का पलटवार
डिप्टी मेयर असलम फारुखी के आरोपों पर अरविंद मेठी ने पलटवार करते हुए कहा कि जिनके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते। उन्होंने कहा कि असलम फारुखी खुद ही नगर निगम में नहीं आते, तो उन्हें दूसरों पर सवाल उठाने का कोई हक नहीं है।
सरकार जल्द करे समितियों का गठन
बीजेपी को समर्थन देने वाले कांग्रेस पार्षद मनोज मुद्गल ने भी संचालन समितियों के गठन की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि समितियों के अभाव में आम जनता के कार्य प्रभावित हो रहे हैं, और सरकार को जल्द इस दिशा में कोई ठोस फैसला लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर सरकार से लगातार बातचीत जारी है, और उम्मीद है कि जल्द ही सकारात्मक कदम उठाया जाएगा।
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