थप्पड़ कांड से विवादों में घिरे SDM अमित चौधरी, कोर्ट के आदेश से एफआईआर दर्ज होगी, जानें क्या है मामला।
Naresh Meena Case: राजस्थान के मालपुरा तहसील का थप्पड़ कांड एक बार फिर से सुर्खियों में है, जिसने न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं.... बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हड़कंप मचा दिया है। इस कांड का केंद्र बिंदु बने एसडीएम अमित चौधरी अब कानूनी शिकंजे में फंसते नजर आ रहे हैं।
समरावता में हुए इस विवाद के बाद एसडीएम अमित चौधरी सहित छह लोगों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश ने राज्य सरकार और विपक्ष दोनों को एक नया मुद्दा दे दिया है। (Naresh Meena Case)जहां विपक्ष इस मामले को प्रशासनिक अत्याचार करार दे रहा है, वहीं सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दिए गए आदेश ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सत्ता में बैठे लोग भी कानून से ऊपर नहीं हैं।
इस विवाद ने न केवल प्रशासन की जवाबदेही को लेकर बहस छेड़ दी है, बल्कि आगामी चुनावों में इसे एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दे के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। दुकान ध्वस्त करने के इस मामले ने आम जनता और विपक्ष को सरकार के खिलाफ खड़ा कर दिया है, जिससे राजनीति गरमा गई है।
राकेश की याचिका पर कोर्ट का आदेश
मालपुरा के निवासी राकेश कुमार पारीक ने मालपुरा एसीजेएम कोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई। परिवादी ने आरोप लगाया कि 10 अक्टूबर 2024 को उनकी किराए की दुकान को बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के ध्वस्त कर दिया गया। यह दुकान उन्होंने नगर पालिका से किराए पर ली थी, और उस पर न्यायालय का स्थगन आदेश लागू था। बावजूद इसके, मालपुरा उपखंड अधिकारी और नगर पालिका के कार्यवाहक ईओ के रूप में कार्यरत एसडीएम अमित चौधरी ने कार्रवाई की।
कोर्ट के आदेश की अनदेखी
राकेश पारीक का आरोप है कि अधिकारी-कर्मचारियों ने न्यायालय के आदेश की सार्वजनिक सूचना को नजरअंदाज कर पुलिस बल और जेसीबी मशीन के साथ दुकान को तोड़ दिया। इस दौरान दुकान में रखे फर्नीचर, नकदी और स्टांप पेपर को भी जब्त कर लिया गया। कोर्ट ने इसे कानून की अवमानना मानते हुए एसडीएम अमित चौधरी सहित अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
कोर्ट के आदेश के तहत दर्ज होगी FIR
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, मालपुरा ने एसडीएम अमित चौधरी के साथ तत्कालीन तहसीलदार पवन कुमार मातवा, प्रशासनिक अधिकारी जयनारायण जाट, गिरदावर रामदास माली, जमादार राजेश कुमार, और स्टोर कीपर राजेंद्र कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
मामला नगर पालिका की एक दुकान से जुड़ा है, जिसे किराए पर लिया गया था। 10 अक्टूबर 2024 को अधिकारियों ने दुकान को अतिक्रमण बताते हुए ध्वस्त कर दिया। इस दौरान न्यायालय का स्थगन आदेश भवन पर स्पष्ट रूप से चस्पा था। परिवादी का आरोप है कि इस कार्रवाई में कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया।
आरोपों की गंभीरता
परिवादी ने आरोप लगाया कि इस कार्रवाई में फर्नीचर, नकदी और स्टांप पेपर को भी जब्त किया गया। इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता की धारा 198, 199, 201, 334(1), 334(2), और 61(2) के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की गई है। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
यह भी पढ़ें: Rajasthan: कौन हैं महेन्द्र गराटी ? दिल्ली में बने वायुसेना के परेड कमांडर, दादा पाकिस्तान को चटा चुके धूल !
यह भी पढ़ें: IIFA 2025 In Jaipur : जयपुर में होगा बॉलीवुड का सबसे बड़ा अवॉर्ड शो, बड़े सितारों का लगेगा जमघट
.