Rajasthan: थप्पड़ कांड के आरोपी नरेश मीणा ने कांग्रेस की जमानत जब्त कर बनाई नई कहानी!
Rajasthan By-Election Result 2024:राजस्थान के टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव ने राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा दी थीं। (Rajasthan By-Election Result 2024:)यह सीट थप्पड़ कांड के बाद हॉट सीट बन गई थी, जब चुनाव के दौरान समरावता गांव में एक विवाद में एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले नरेश मीणा ने सुर्खियां बटोरीं।
कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले नरेश मीणा ने अपने दमखम का प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी केसी मीणा की जमानत जब्त करवा दी। नरेश मीणा ने इस चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार से दोगुने वोट हासिल किए, जो कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ। इस परिणाम ने न केवल कांग्रेस की कमजोर चुनावी रणनीति को उजागर किया, बल्कि यह भी दिखाया कि स्थानीय मुद्दों और जनसमर्थन को नजरअंदाज करना पार्टी के लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है। देवली-उनियारा के इस नतीजे ने कांग्रेस के अंदरूनी मतभेदों और नेतृत्व की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बीजेपी का दमदार प्रदर्शन, राजेन्द्र गुर्जर ने दर्ज की बड़ी जीत
निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देवली-उनियारा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी राजेन्द्र गुर्जर ने कांग्रेस के बागी नरेश मीणा को 40,914 वोटों के बड़े अंतर से हराया। राजेन्द्र गुर्जर को 1,00,259 वोट मिले, जबकि निर्दलीय नरेश मीणा ने 59,345 वोट हासिल किए। कांग्रेस के केसी मीणा मात्र 31,138 वोट ही जुटा पाए, जिससे उनकी जमानत तक जब्त हो गई।
कांग्रेस प्रत्याशी को जमानत बचाने के लिए वोट भी नहीं मिले
कांग्रेस को इस सीट पर करारी हार झेलनी पड़ी। पार्टी के प्रत्याशी केसी मीणा को जमानत बचाने के लिए भी 1,689 वोट कम पड़े। यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है, खासकर जब सचिन पायलट के प्रभाव वाले इस क्षेत्र में पार्टी की हार हुई है।
नामांकन में जुटे बड़े नेता भी नहीं बचा सके सम्मान
केसी मीणा के नामांकन के समय पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और सांसद हरीश मीणा समेत तमाम बड़े नेता मौजूद थे। इसके बावजूद कांग्रेस के खराब प्रदर्शन ने पार्टी नेतृत्व और रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बगावत, निष्कासन और थप्पड़ कांड बने हार के बड़े कारण
माना जा रहा है कि कांग्रेस नरेश मीणा की बगावत को संभालने में नाकाम रही। पार्टी से निष्कासन ने उनके समर्थकों को नाराज कर दिया। वोटिंग के दिन समरावता गांव में "थप्पड़ कांड" के बाद सहानुभूति के वोट नरेश मीणा की ओर शिफ्ट हो गए। करीब पांच घंटे तक चली वोटिंग के दौरान समीकरण पूरी तरह बदल गए।
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