संस्कार बनाम सेक्युलरिज्म! विधानसभा में बीजेपी विधायक की मांग...‘बच्चों को रामायण और गीता पढ़ाई जाए!
Rajasthan Assembly Budget Session 2025: राजस्थान की राजनीति में शिक्षा और संस्कृति को लेकर नए सिरे से बहस छिड़ गई है। भाजपा सरकार द्वारा शिक्षा प्रणाली में धार्मिक और नैतिक मूल्यों को शामिल करने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों के बीच मंगलवार (4 मार्च) को राजस्थान विधानसभा में एक अहम मुद्दा उठा। भाजपा विधायक बाबूसिंह राठौड़ ने स्कूलों में रामायण, महाभारत और गीता पढ़ाने की मांग रखते हुए इसे बच्चों के नैतिक और सांस्कृतिक विकास के लिए आवश्यक बताया।
विधानसभा में शिक्षा विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान विधायक राठौड़ ने प्रदेश के स्कूलों में सूर्य नमस्कार को लागू करने के फैसले की सराहना की और इसे छात्रों के मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया। (Rajasthan Assembly Budget Session 2025) भाजपा बनाम कांग्रेस बहसइसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक ग्रंथों को शिक्षा का हिस्सा बनाया जाना चाहिए, ताकि नई पीढ़ी भारतीय संस्कृति और मूल्यों से परिचित हो सके।
इसके अलावा, विधायक राठौड़ ने ग्रेड थर्ड शिक्षकों के तबादले का मुद्दा उठाते हुए सरकार से नीति में संशोधन की मांग की। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को उनकी पसंद के स्थानों पर स्थानांतरित करने से वे अपनी सेवाएं अधिक प्रभावी ढंग से दे पाएंगे, जिससे शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी।
इस मांग को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है। भाजपा जहां इसे भारतीय संस्कृति को मजबूत करने की दिशा में एक अहम पहल मान रही है, वहीं विपक्ष इसे शिक्षा प्रणाली का "भगवाकरण" बताकर विरोध जता सकता है। ऐसे में, आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सियासी घमासान और तेज होने की संभावना है।
निजी स्कूलों में एक समान ड्रेस कोड लागू करने की मांग
भाजपा विधायक बाबू सिंह राठौड़ ने राजस्थान विधानसभा में निजी और सरकारी स्कूलों में एक समान ड्रेस कोड लागू करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड भेदभाव को समाप्त करने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है और इससे शिक्षा प्रणाली में समानता लाई जा सकती है।
विधायक राठौड़ ने पूर्व कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षकों के तबादले रिश्वत लेकर किए जाते थे। उन्होंने सरकार से इस संबंध में विस्तृत जांच की मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने मिड-डे मील योजना में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और कहा कि इस योजना के अंतर्गत सामग्री की खरीद में गड़बड़ी की गई थी।
मदरसों में यूनिफॉर्म खरीद पर उठाए सवाल
राठौड़ ने कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले एक लाख बच्चों के लिए दो लाख यूनिफॉर्म खरीदी गईं, जिससे सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला सामने आता है। उन्होंने इस गड़बड़ी की जांच कराने की मांग की ताकि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
कांग्रेस विधायक इंदिरा मीना ने सदन में शिक्षा और उच्च शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के दौरान नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जब इतने अहम विषयों पर बहस हो रही है, तब संबंधित मंत्री सदन में मौजूद नहीं हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि उनकी बात को कौन सुनेगा और नोट करेगा।
रीट परीक्षा में जनेऊ उतरवाने पर विवाद
विधायक इंदिरा मीना ने रीट परीक्षा के दौरान एक शिक्षिका और कॉन्स्टेबल के निलंबन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान जनेऊ उतरवाने के निर्देश दिए गए थे, जबकि हिंदू धर्म में जनेऊ को धार्मिक महत्व प्राप्त है। उन्होंने मंगलसूत्र और बिछिया का उदाहरण देते हुए कहा कि ये हिंदू महिलाओं के लिए अत्यंत पवित्र मानी जाती हैं, लेकिन उन्हें परीक्षा के दौरान उतरवाने का कोई नियम नहीं है। उन्होंने कहा कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए और इस तरह के मामलों में संतुलित दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए।
इन सभी मुद्दों को लेकर विधानसभा में सियासी गर्मी बढ़ गई है। भाजपा विधायक जहां शिक्षा व्यवस्था में सुधार और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस विधायक सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठा रही हैं। आने वाले दिनों में इन मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच और अधिक टकराव देखने को मिल सकता है।
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