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विधानसभा में ‘महाभारत’! कांग्रेस का अखाड़ा बना सदन, सरकार बेबस, गतिरोध बरकरार!

इंदिरा गांधी पर मंत्री की विवादित टिप्पणी के बाद से कांग्रेस विधायकों का धरना तीसरे दिन भी जारी है।
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Rajasthan Assembly Budget Session: राजस्थान की राजनीति में इन दिनों विधानसभा सत्र एक बड़े सियासी टकराव का गवाह बन चुका है। इंदिरा गांधी पर मंत्री की विवादित टिप्पणी के बाद से कांग्रेस विधायकों का धरना तीसरे दिन भी जारी है। (Rajasthan Assembly Budget Session)शुक्रवार को हुए हंगामे में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और छह विधायकों को सदन से निलंबित किए जाने के बाद मामला और गरमा गया है। सरकार और कांग्रेस के बीच अब यह विवाद "पहले माफी कौन मांगे" के सवाल पर अटक गया है, जिससे गतिरोध और गहरा गया है।

स्पीकर बनाम विपक्ष... किसकी माफी पहले?

शुक्रवार को हुए विवाद के बाद स्पीकर वासुदेव देवनानी ने इसे सदन की गरिमा और अनुशासन के खिलाफ बताया और निलंबन का आधार बनाया। स्पीकर का रुख स्पष्ट है....पहले नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को माफी मांगनी होगी, तभी आगे की बातचीत संभव है। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत को अपनी विवादित टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए। इसी मांग को लेकर कांग्रेस विधायक लगातार धरने पर डटे हुए हैं।

शब्द हटाने को तैयार, लेकिन धरना मंजूर नहीं

सरकार का कहना है कि यदि कांग्रेस को किसी शब्द पर आपत्ति है, तो उसे विधानसभा की कार्यवाही से हटाने के लिए वे तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस का धरने पर बैठना गलत है। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने दो दौर की वार्ता की, लेकिन कोई हल नहीं निकला।

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "हमें विश्वास है कि कांग्रेस विधायकों को भगवान सद्बुद्धि देगा। सदन चलाना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन विपक्ष का भी कर्तव्य है कि वह सदन की गरिमा बनाए रखे।"

सदन की गरिमा भंग कर रही कांग्रेस

गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष का अपमान किया और सदन की मर्यादा तोड़ी। उन्होंने कहा, "जनता का नुकसान हो रहा है, लेकिन कांग्रेस केवल राजनीतिक नाटक कर रही है।"

वहीं, कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने कभी स्पीकर का अपमान नहीं किया। उन्होंने कहा, "हम सिर्फ मंत्री के शब्दों को हटाने की मांग कर रहे थे। अगर सरकार उसी दिन यह कर देती, तो विवाद होता ही नहीं।"

जूली ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि "जब सरकार के मंत्री ही विपक्ष जैसा बर्ताव करेंगे, तो सदन कैसे चलेगा? हमारे विधायक सिर्फ सदन की गरिमा बचाने के लिए खड़े हुए हैं।"

‘आपकी दादी’ कहने से शुरू हुआ विवाद

पूरे विवाद की शुरुआत शुक्रवार को तब हुई, जब सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि "2023-24 में आपकी दादी इंदिरा गांधी के नाम से योजना शुरू की गई थी।" कांग्रेस ने इसे अपमानजनक बताते हुए टिप्पणी को कार्यवाही से हटाने की मांग की।

बात इतनी बढ़ी कि कांग्रेस विधायक स्पीकर की टेबल तक पहुंच गए और आक्रामक इशारे करने लगे। इसके बाद स्पीकर ने कार्यवाही स्थगित कर दी, लेकिन कांग्रेस विधायकों ने सदन में ही धरना शुरू कर दिया।

सियासी असमंजस....क्या यह गतिरोध और बढ़ेगा?

अब कांग्रेस ने 24 फरवरी को विधानसभा घेराव की तैयारी शुरू कर दी है, जिससे सियासी टकराव और तेज होने के आसार हैं। कांग्रेस का यह आंदोलन क्या सरकार पर दबाव बनाएगा, या सरकार अपने रुख पर कायम रहेगी....यह आने वाले दिनों में साफ होगा। लेकिन एक बात तय है कि राजस्थान की सियासत में यह गतिरोध बड़ा राजनीतिक मोड़ ले सकता है।

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