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बीजेपी में सियासी संकट! आलाकमान के आदेश के बाद नियुक्तियों के पीछे छिपा है कौन सा रहस्य?

राजस्थान बीजेपी में संगठनात्मक नियुक्तियों की देरी से आलाकमान नाखुश है, और पार्टी के भीतर एक नई राजनीति की बयार बह रही है।
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Rajasthan BJP: राजस्थान बीजेपी में संगठनात्मक नियुक्तियों की देरी से आलाकमान नाखुश है, और पार्टी के भीतर एक नई राजनीति की बयार बह रही है। जहां एक ओर भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाना है, वहीं प्रदेश में मंडल और जिलाध्यक्षों की तैनाती अभी भी अधूरी पड़ी हुई है। इस देरी से पार्टी के भीतर स्थिति और भी उलझी हुई नजर आ रही है। (Rajasthan BJP)पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन चुकी है, क्योंकि आलाकमान के अल्टीमेटम ने इसे और भी जटिल बना दिया है। मंडल अध्यक्षों के चुनाव में लटके फैसले और इसके बाद जिलाध्यक्षों की नियुक्ति ने पार्टी के भीतर सियासी समीकरणों को और भी गर्मा दिया है।

बीजेपी संगठन में मंडल नियुक्तियों का विवाद

राजस्थान बीजेपी में 1,058 मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन विवादों ने इस प्रक्रिया को जटिल बना दिया। कुछ मंडलों की सूची पर विवाद इतना बढ़ा कि अनुशासन समिति को हस्तक्षेप करना पड़ा और पहले हुई नियुक्तियों को गलत मानते हुए कुछ नियुक्तियों पर अंतरिम रोक लगा दी गई। इस विवाद के बीच, पार्टी के स्थानीय स्तर पर कई नेताओं ने विरोध किया, जिसके चलते संगठन की प्रक्रियाएं प्रभावित हुईं।

 पांच मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति निरस्त

बीजेपी संगठन की प्रदेश अपील समिति ने सोमवार को 16 मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति पर रोक लगा दी और पांच मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति को निरस्त कर दिया। जिन मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति पर रोक लगाई गई, उनमें जयपुर शहर से जलमहल और पौड्रिक मंडल, जयपुर देहात से चौमूं नगर, भरतपुर से सेवर, रूदावल, सिरोही से डूंगरखेडा, और अन्य महत्वपूर्ण मंडल शामिल हैं।

पार्टी में सत्ता संघर्ष...संगठन की कमजोर स्थिति

विरोध के बीच, नए मंडल अध्यक्षों ने अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की, लेकिन इन कोशिशों के बावजूद पार्टी की स्थिति कमजोर पड़ी। कई जगहों पर यह चर्चा हो रही है कि मंडल और कमंडल के विवादों का असर पार्टी के संगठन पर पड़ सकता है। पार्टी के नेताओं के बीच यह स्थिति जटिल होती जा रही है, और सियासी हलचल बढ़ रही है।

सोशल मीडिया के जरिए नियुक्तियों पर बढ़ा दबाव

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर राजस्थान में नियुक्तियों की प्रक्रिया में तेजी लाने का दबाव बढ़ाया है। उन्होंने उन राज्यों के नेताओं को सोशल मीडिया पर बधाई दी, जहां नियुक्तियां पूरी हो चुकी हैं, और राजस्थान में नियुक्तियों के मामले पर अपडेट देने के लिए नेताओं को टैग किया। इससे पार्टी पर दबाव बढ़ गया है और प्रदेश में नियुक्तियों की प्रक्रिया को लेकर गंभीर चर्चा हो रही है।

सीएम...पूर्व सीएम की बैठक से बढ़ी सियासी हलचल

बीजेपी की प्रदेश राजनीति में हलचल और गहमागहमी तेज हो गई है, जब सीएम भजनलाल शर्मा और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बीच एक बैठक हुई। यह मुलाकात डेढ़ घंटे से ज्यादा चली और प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल भी दिल्ली से जयपुर पहुंचे। इन बैठकों के बाद प्रदेश की सियासत में अटकलें तेज हो गईं कि क्या ये मुलाकातें संगठनात्मक नियुक्तियों में तेजी लाने के लिए हैं या फिर सरकार के विस्तार के लिए।

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