Rajasthan: देवली-उनियारा में नरेश मीणा को BAP का समर्थन, अब किसका खेल बिगड़ेगा
Rajasthan By-Election 2024: राजनीति में हर कदम महत्वपूर्ण होता है, और उपचुनावों के दौरान किसी नेता का समर्थन मिलना उनके लिए नई उम्मीदों की किरण साबित हो सकता है। (Rajasthan By-Election 2024)कांग्रेस से बागी होकर देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे नरेश मीणा को भारत आदिवासी पार्टी का समर्थन मिल गया है।
पार्टी के प्रवक्ता जितेंद्र मीणा ने 'एक्स' पर साझा की गई एक चिट्ठी में बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहन लाल रोत ने नरेश मीणा के लिए समर्थन की घोषणा की है। यह कदम न केवल नरेश मीणा की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि इस चुनाव में आदिवासी समुदाय के मुद्दों को भी प्रमुखता देगा। क्या नरेश मीणा इस समर्थन का लाभ उठाकर देवली-उनियारा में अपनी जीत का झंडा गाड़ेंगे?
लेटर जारी कर किया समर्थन
भारत आदिवासी पार्टी ने नरेश मीणा को समर्थन देने के लिए एक महत्वपूर्ण पत्र जारी किया है। पत्र में लिखा गया है, "देवली-उनियारा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आपने अपनी उम्मीदवारी के लिए भारत आदिवासी पार्टी से समर्थन का आग्रह किया था। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत आदिवासी पार्टी आपके साथ है।" पत्र के आगे कहा गया है, "हमें विश्वास है कि आप आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, किसानों, और युवाओं की आवाज़ को बुलंद करते रहेंगे।
— BAP (@BAPSpeak) November 1, 2024">http://नरेश मीणा जी (@NareshMeena__ ) जोहार !!
— BAP (@BAPSpeak) November 1, 2024
देवली उनियारा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आपने अपनी उम्मीदवारी के लिए भारत आदिवासी पार्टी से समर्थन का आग्रह किया था, हम आपको सूचित करते है भारत आदिवासी पार्टी आपकी उम्मीदवारी का समर्थन करती है।
डॉ जितेंद्र मीणा
राष्ट्रीय प्रवक्ता pic.twitter.com/FKFuHRstWp
कांग्रेस की बढ़ सकतीं हैं मुश्किलें
कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। हरीश मीणा के सांसद बनने के बाद खाली हुई देवली-उनियारा सीट पर कांग्रेस ने कस्तूर मीणा को मैदान में उतारा है। लेकिन नरेश मीणा, जो इसी सीट से टिकट के लिए लड़े थे, को कांग्रेस ने नजरअंदाज कर दिया। अब, नरेश मीणा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं और भारत आदिवासी पार्टी के समर्थन के चलते आदिवासी मतदाताओं को अपनी ओर खींचने की क्षमता रखते हैं।
यह स्थिति कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, खासकर जब उनके सामने भी मीणा समुदाय का एक मजबूत उम्मीदवार है। नरेश मीणा का समर्थन हासिल करने के बाद, यदि वे आदिवासी वोटरों को आकर्षित करने में सफल होते हैं, तो कांग्रेस के समीकरण बिगड़ सकते हैं। ऐसे में मीणा वोटर्स में सेंधमारी का खतरा बढ़ने से कांग्रेस की जीत की संभावनाएँ भी प्रभावित हो सकती हैं। क्या यह चुनाव नरेश मीणा के लिए एक नया अध्याय लिखेगा, या कांग्रेस अपनी स्थिति मजबूत कर पाएगी?
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