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Jaipur: कांग्रेस कार्यकाल में 42 GSS के निर्माण में 237 करोड़ का घोटाला, बड़े नेताओं की मिलीभगत

Congress Government: प्रदेश में बिजली तंत्र  को सुदृढ़ करने के नाम पर 237 करोड़ रुपए (237 crore power scam)का बड़ा घोटाला सामने आया है। इस घोटाले के तहत 42 ग्रिड सब स्टेशनों (जीएसएस) (42 Grid Sub-Stations )) के निर्माण के...
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Congress Government: प्रदेश में बिजली तंत्र  को सुदृढ़ करने के नाम पर 237 करोड़ रुपए (237 crore power scam)का बड़ा घोटाला सामने आया है। इस घोटाले के तहत 42 ग्रिड सब स्टेशनों (जीएसएस) (42 Grid Sub-Stations )) के निर्माण के नाम पर करोड़ों की चपत लगाई गई है। यह घोटाला पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार (Congress Government)के कार्यकाल के अंतिम समय में जारी निविदा के दौरान हुआ। इसमें डिस्कॉम के अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत पाई गई है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, चहेती फर्म को काम दिलाने के लिए निविदा में विशेष शर्तें जोड़ी गईं और 246 प्रतिशत अधिक रेट पर काम सौंप दिया गया।

निविदा घोटाले की कहानी

इस घोटाले में बिड मूल्यांकन समिति की लापरवाही भी सामने आई है। समिति ने सही मूल्यांकन करने की बजाय आँखें मूंद लीं और ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाया। डिस्कॉम की उच्चस्तरीय कमेटी की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि निविदा की प्रक्रिया में कई गड़बड़ियां की गईं। ACB ने इस मामले में डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद कमेटी गठित की गई और जांच शुरू की गई।

राजनीतिक दबाव और रिपोर्ट पर रोक

इस मामले में भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली जांच रिपोर्ट दो महीने तक दबा दी गई। इसके पीछे बड़े नेताओं का दबाव था, जिनका कार्यक्षेत्र दूदू, दौसा और सवाईमाधोपुर तक फैला हुआ है। इन नेताओं ने जांच को रोकने का प्रयास किया, लेकिन भाजपा सरकार अब इस मामले में बड़े एक्शन की तैयारी कर रही है।

जांच में सामने आए खुलासे

  • विशेष शर्तों के तहत बूट मॉडल (बिल्ड ऑन ऑपरेट ट्रांसफर) को शामिल किया गया, जिससे निविदा में प्रतिस्पर्धा कम हो गई और यह आरटीटीपी एक्ट का उल्लंघन है।
  • प्री-बिड मीटिंग बिना आयोजित किए ही निविदा जारी कर दी गई।
  • एकल बिड होने के बावजूद फर्म को कार्यादेश दिया गया, जबकि दरें ज्यादा थीं।
  • 22 जीएसएस का कार्यादेश देकर निविदा की संख्या बढ़ा दी गई, जबकि पहले सिर्फ 20 जीएसएस का काम तय था।

दोषियों पर एक्शन की तैयारी

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा।

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