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खरगे और गहलोत का गठजोड़!'मोदी सरकार ने बंद की कांग्रेस की योजनाएं, वादों का किया उल्लंघन!

Ashok Gehlot: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच चल रही वार-पलटवार में अपनी आवाज उठाई है। गहलोत ने केंद्र पर...
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Ashok Gehlot: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच चल रही वार-पलटवार में अपनी आवाज उठाई है। गहलोत ने केंद्र पर जनता से वादाखिलाफी का आरोप लगाया, विशेष रूप से भाजपा सरकार द्वारा कांग्रेस की कल्याणकारी योजनाओं को बंद करने के चलते आम जनता में बढ़ती नाराजगी का जिक्र किया। उन्होंने एक्स पर कहा कि राजस्थान में भाजपा ने कांग्रेस की कई महत्वपूर्ण योजनाओं को कमजोर किया है, जिसके चलते जनता में पीड़ा और आक्रोश की स्थिति उत्पन्न हुई है। गहलोत का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर गर्माहट आ गई है।

 कांग्रेस योजनाओं का राष्ट्रीय स्तर पर लागू होना चाहिए

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि उसे कांग्रेस सरकार के समय की कल्याणकारी योजनाओं का अध्ययन करना चाहिए और इन्हें पूरे देश में लागू करना चाहिए। गहलोत ने कहा कि पार्टी के घोषणा-पत्र के आधार पर कई महत्वपूर्ण योजनाएं बनाई गईं, जिन्हें समय पर क्रियान्वित किया गया, और इनसे जनता को काफी लाभ हुआ।

ओल्ड पेंशन स्कीम से कर्मचारियों को सुरक्षा

गहलोत ने अपने बयान में यह भी उल्लेख किया कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में कई अनूठी योजनाएं बनाईं, जैसे कि ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस), जिसने राज्य में कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को मजबूत किया। उन्होंने बताया कि “भारत सरकार की आयुष्मान योजना में 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को केवल 5 लाख रुपए का मुफ्त बीमा दिया जा रहा है, जबकि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने सभी के लिए 25 लाख रुपए का कैशलेस बीमा लागू किया।”

सामाजिक और आर्थिक न्याय की प्रतिबद्धता

इसके अलावा, गहलोत ने कांग्रेस सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने सामाजिक और आर्थिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए अपने वादों को पूरा किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राजस्थान में सरकार बनने के बाद हर कार्यकाल में पहली कैबिनेट बैठक में पार्टी के घोषणा-पत्र पर चर्चा होती थी और उसे नीतिगत दस्तावेज बनाया जाता था।

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