RajyaSabha Election 2024: राजस्थान में राज्यसभा सीट पर किसका लगेगा नंबर? BJP के गलियारों में इन दावेदारों की सबसे ज्यादा चर्चा
RajyaSabha Election 2024: देश के चुनाव आयोग ने 12 राज्यसभा सीटों पर चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के बाद अब नामांकन में सिर्फ एक दिन बचा है जहां राजस्थान की एक सीट पर भी नया राज्यसभा सदस्य चुना जाना है. कांग्रेस से राजस्थान के राज्यसभा सदस्य केसी वेणुगोपाल के लोकसभा सांसद बन जाने के बाद उनकी सीट खाली हो गई है लेकिन प्रदेश में विधायकों के गणित के हिसाब से इस बार ये सीट बीजेपी के पाले में जाना तय लग रहा है जहां बीजेपी के राज्य में 100 से ऊपर विधायक हैं. राज्यसभा (Rajyasabha Election 2024) चुनाव के नामांकन से एक दिन पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों खेमों में हलचल शुरू जारी है हालांकि कांग्रेसी पाले में कम सुगबुगाहट है.
वहीं बीजेपी का इस सीट पर जीतना तय माना जा रहा है ऐसे में पार्टी कई सियासी समीकरण एक साथ साधना चाहती है. इसलिए जयपुर से दिल्ली तक कई नामों को लेकर लॉबिंग चल रही है और कई नाम सियासी गलियारों में तैर भी रहे हैं. मालूम हो कि राज्यसभा के लिए सारी चुनावी प्रक्रियाओं के बाद 3 सितंबर को विधायकों के वोट डाले जाएंगे. वहीं वर्तमान में राजस्थान से राज्यसभा की 10 सीटें हैं जिनमें 5 सीटों पर कांग्रेस और 4 पर बीजेपी के सांसद काबिज हैं. बता दें कि राजस्थान में चुनाव के लिए 21 अगस्त नामांकन की आखिरी तारीख है लेकिन अभी तक बीजेपी ने किसी भी प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है.
राजस्थान से बाहर का हो सकता है चेहरा!
दरअसल राजस्थान से राज्यसभा की एक सीट के लिए कई नामों की चर्चा है और कई नेता उसके लिए दावेदार बताए जा रहे हैं. सियासी गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी राजस्थान से बाहर के किसी नेता पर भी मुहर लगा सकती है. ऐसे में राजस्थान से बाहर के नामों में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और मोदी 3.O में पंजाब के लुधियाना से हारने के बाद मंत्री बनाए गए रवनीत सिंह बिट्टू का नाम सबसे आगे चल रहा है.
मालूम हो कि स्मृति ईरानी इस बार का अमेठी से लोकसभा चुनाव हार गई थी जिसके बाद बीजेपी उन्हें राज्यसभा के रास्ते सरकार में ला सकती है. वहीं रवनीत सिंह बिट्टू चुनावों से पहले ही कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए थे जहां पार्टी ने लुधियाना से उन्हें चुनाव लड़वाया लेकिन हारने के बावजूद भी मोदी सरकार में बिट्टू को केंद्रीय मंत्री बनाया गया है ऐसे में बिट्टू को राज्यसभा के जरिए संसद का सदस्य बनाया जा सकता है क्योंकि मंत्रीमंडल के किसी भी सदस्य को 6 महीने के भीतर किसी भी सदन का सदस्य होना जरूरी है.
राजस्थान से भी कई नाम शामिल
वहीं राज्यसभा के लिए राजस्थान से भी कई नामों की चर्चा चल रही है जहां नागौर से ज्योति मिर्धा ने बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी जिसके बाद उनके नाम की चर्चा होने लगी. मिर्धा लगातार पिछले दो चुनाव हार रही है. हाालंकि उनका नाम खींवसर उपचुनाव के लिए भी चर्चा में चल रहा है. वहीं हरियाणा के प्रभारी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के नाम की भी चर्चा है जो राज्यसभा सीट के मजबूत दावेदार बताए जा रह हैं. वहीं राजेंद्र राठौड़, अरुण चतुर्वेदी जैसे नाम भी रेस में बताए जा रहे हैं.
उच्च वर्ग से कम है संभावना
गौरतलब है कि बीजेपी की ओर से राजस्थान में ब्राह्मण सीएम हैं और घनश्याम तिवारी पहले से राज्यसभा में है ऐसे में एक और ब्राह्मण चेहरे को राज्यसभा में भेजे जाने की संभावना कम है हालांकि पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी के नाम को लेकर हल्की चर्चाएं हैं जहां वो भी बीते दिनों दिल्ली में कई नेताओं से मुलाकात करके लौटे हैं. अब देखना होगा कि बीजेपी किस जाति समीकरण के हिसाब से किस चेहरे पर दांव खेलती है. वहीं आंकड़ों में देखें तो राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए उम्मीदवार को 99 वोट चाहिए जहां वर्तमान में बीजेपी के पास 115 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 66 विधायक हैं.
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