नरेश मीणा का समरावता! गांव में लगा ‘नरेश भाई’ का बोर्ड, हिंसा के बाद बदली तस्वीर!
Samrawata Violence Case : (कमलेश कुमार महावर)। उपचुनाव के दौरान देवली उनियारा के समरावता गांव में एक विवादित घटना ने राजनीति और समाज दोनों में हलचल मचा दी। निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने वहां मौजूद SDM को थप्पड़ मारा, जिसके बाद गांव में हिंसा की घटनाएं सामने आईं। इस विवादित घटना के बाद नरेश मीणा को जेल भेजा गया था, लेकिन अब एक नया मोड़ सामने आया है। गांव के लोगों ने नरेश मीणा के समर्थन में एक साइन बोर्ड लगा दिया है, जिस पर लिखा है 'नरेश भाई का समरावता'। (Samrawata Violence Case) यह बोर्ड अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, और यूजर्स इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। यह घटना राजनीति और जनता के बीच के रिश्तों को लेकर एक अहम सवाल खड़ा कर रही है।
संभागीय आयुक्त करेंगे थप्पड़ कांड की जांच
राजस्थान उपचुनाव के दौरान टोंक जिले के समरावता में हुए थप्पड़ कांड, आगजनी और उपद्रव मामले की अब प्रशासनिक जांच शुरु होगी... निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के समर्थको और ग्रामीणों की मांग पर सरकार के निर्देश पर अब संभागीय आयुक्त महेश चंद शर्मा पहले समरावता प्रकरण में जनसुनवाई करेंगे, जो 17 जनवरी को टोंक के सर्किट हाउस में होगी, राज्य सरकार ने संभागीय आयुक्त को समारावता प्रकरण में जांच अधिकारी नियुक्त किया था,
समरावता हिंसा में आरोपियों को मिली जमानत
मंगलवार को समरावता हिंसा के 55 दिन बाद 18 आरोपियों को जमानत मिल गई। इन आरोपियों का जेल से बाहर निकलने पर जोरदार स्वागत किया गया। जेल से रिहा होते ही उन्हें नरेश मीणा के कार्यालय ले जाया गया, जहां आतिशबाजी और फूलों की माला पहनाई गई। इस दौरान समर्थकों ने कहा, "नरेश भाई को रिहा नहीं किया तो आग भड़क सकती है।"
जमानत प्राप्त आरोपियों की संख्या में इज़ाफा
टोंक जिला एवं सत्र न्यायालय ने सोमवार को समरावता कांड के 19 में से 18 आरोपियों को जमानत दी। इन आरोपियों में मंगलवार को 18 समर्थकों की रिहाई हुई। अब तक समरावता कांड के 39 आरोपियों को हाईकोर्ट से और 4 नाबालिगों को पहले ही जमानत मिल चुकी है। हालांकि, मुख्य आरोपी नरेश मीणा की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद वे अभी भी जेल में बंद हैं।
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