क्या हनुमान बेनीवाल बनेंगे 'अमर बकरा' या आएगा चुनावी धक्का? खींवसर में कौन जीतेगा?
नागौर। खींवसर उपचुनाव (Khinvsar by-election 2024) को लेकर भाजपा के भीतर हलचल तेज हो गई है। इसी बीच भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद डॉ. ज्योति मिर्धा के चाचा रिछपाल मिर्धा ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के नेता हनुमान बेनीवाल पर चुटकी लेते हुए उन्हें 'अमर बकरे' की उपाधि देने का जिक्र किया। यह बयान एक स्थानीय बैठक के दौरान आया, जहां भाजपा कार्यकर्ता आगामी चुनावों की रणनीति पर चर्चा कर रहे थे।
'अमर बकरे' की उपाधि का मज़ाकिया अंदाज
बैठक के दौरान किसी ने रिछपाल मिर्धा से सवाल किया कि यदि हनुमान बेनीवाल इस बार भी चुनाव हारने से बच जाते हैं, तो भाजपा की क्या रणनीति होगी? इस पर रिछपाल मिर्धा ने हंसी-मज़ाक के लहजे में कहा, "अगर हनुमान बेनीवाल चुनाव नहीं हारते, तो मैं उसे 'अमर बकरे' की उपाधि दूंगा। क्योंकि अगर वह फिर से चुनाव जीत जाते हैं, तो वह अमर हो जाएंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "अमर बकरा उसे कहते हैं, जो गांव में बड़ा तगड़ा होता है और उसके कानों में सोने की बालियां होती हैं। अब यह जनता पर निर्भर करता है कि वह बाजार से सोने की बालियां लाकर हनुमान बेनीवाल के कानों में पहनाएगी या नहीं।"
मिर्धा ने बेनीवाल पर तंज कसते हुए कहा, "अब जनता के हाथ में है कि उसे 'अमर' रखना है या कुड़क डालना है। मैं कैसे बता सकता हूं कि जनता क्या फैसला करेगी? यह तो जनता ही तय करेगी कि उसे मंदिर छोड़ा जाएगा या कांकड़ (जंगल) में।"
'भाजपा की जीत सुनिश्चित'
रिछपाल मिर्धा ने आगे पार्टी को चेताते हुए कहा कि भाजपा के भीतर एकता और अनुशासन बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा, "मैं पार्टी को चुनौती नहीं दे रहा हूं, बल्कि सावधान कर रहा हूं। अगर भाजपा के भीतर भीतरघात हुआ और पार्टी के ही लोग एकजुट नहीं रहे, तो चुनाव परिणाम अलग हो सकते हैं।"
उन्होंने साफ किया कि टिकट बंटवारे को लेकर अगर कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच झगड़े नहीं होंगे, तो भाजपा इस बार खींवसर उपचुनाव में जीत हासिल कर सकती है। उन्होंने अपने दावे को मजबूत करते हुए कहा, "अगर सबकुछ सही रहा, तो इस बार भाजपा ही जीतेगी।"
चुनाव की सरगर्मियां तेज़
खींवसर उपचुनाव को लेकर हर दल में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। भाजपा और RLP के बीच यह मुकाबला काफी दिलचस्प माना जा रहा है। हनुमान बेनीवाल के कद और उनके राजनीतिक अनुभव को देखते हुए भाजपा को एक सशक्त रणनीति की जरूरत है। वहीं, मिर्धा के इस बयान ने चुनावी माहौल में हलचल मचा दी है
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