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17 Districts of Rajasthan Will Be Reviewed गहलोत राज में बने 17 जिलों के अस्तित्व पर संकट, रिव्यू के लिए बनी कैबिनेट सब कमिटि

17 Districts of Rajasthan Will Be Reviewed जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों और तीन संभागों के अस्तित्व पर संकट गहराने लगा है। प्रदेश की भजनलाल की सरकार ने सभी नए   17 जिलों...
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17 Districts of Rajasthan Will Be Reviewed जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों और तीन संभागों के अस्तित्व पर संकट गहराने लगा है। प्रदेश की भजनलाल की सरकार ने सभी नए   17 जिलों और 3 नए संभागों के रिव्यू के लिए कैबिनेट सब कमेटी गठित कर दी है। यह कमेटी नए जिलों की समीक्षा करेगी और इनको बनाए रखने या खत्म करने पर विचार करेगी।

गहलोत राज में बने 17 जिलों के अस्तित्व पर संकट

राजस्थान में अशोक गहलोत के राज में बने 17 नए जिलों और 3 नए संभागों के अस्तित्व पर संकट गहराने लगा है।  मुख्यमंत्री ने तय किया है कि सरकार सभी नए 17 जिलों और तीन संभागो का रिव्यू करवाएगी। राजस्थान की नई सरकार ने सभी नए  जिलों के रिव्यू के लिए उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा के संयोजन में कैबिनेट सब-कमेटी बनाई दी है। सरकार के इस कैबिनेट सब-कमेटी में पीएचईडी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, राजस्व मंत्री हेमंत मीणा उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, और जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत को सदस्य बनाया गया है।

नए जिलों को खत्म करने या जारी रखने पर होगा विचार

राजस्थान सरकार ने मंत्रियों की जो कमेटी बनी है वह गहलोत राज में बनाए गए नए जिलों और संभागों का रिव्यू करेगी। गहलोत राज में जिन नए जिलों के गठन पर सवाल उठे थे, उन्हें खत्म करने या जारी रखने पर यह कमेटी अपनी सिफारिशें सरकार को देगी। अब पूरे राज्य में इसको लेकर चर्चा का बाजार गर्म है। कहा जा रहा है कि  कैबिनेट सब-कमेटी बनाने के बाद नए जिलों के जारी रहने पर गंभीर सवालिया निशान लग गया है।

इन जिलों का होगा रिव्यू

बता दें कि अशोक गहलोत सरकार के दौरान राज्य में  17 नए जिले बनाए गए थे। इनमें जयपुर और जोधपुर के 2 टुकड़े किए गए। नए जिलों में जयपुर ग्रामीण, खैरथल, ब्यावर, नीमकाथाना, डीग, जोधपुर ग्रामीण, फलोदी, डीडवाना, सलूंबर, दूदू, केकड़ी, सांचौर और शाहपुरा के अलावा अनूपगढ़, गंगापुर सिटी, कोटपूतली, बालोतरा शामिल हैं। इन जिलों के अलावा तीन नए संभाग बी बनाए गए थे।  अशोक गहलोत सरकार ने बांसवाड़ा, पाली और सीकर को संभाग बनाया था।

भाजपा ने सरकार बनने पर रिव्यू कराने की घोषणा की थी

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने अशोक गहलोत का राज खत्म होते ही नए जिलों और संभागों पर सवाल उठाए थे। जब कांग्रेस की सरकार छोटे-छोटे जिलों का गठन कर रही थी तब स्थानीय स्तर पर भी इसका विरोध हुआ था।  उस वक्त बीजेपी ने सरकार में आने पर गहलोत राज में बने जिलों का रिव्यू करवाने की घोषणा की थी।

केवल तीन तहसील वाले दूदू को जिला बनाने पर हुआ था विवाद

बता दें कि राजस्थान के दूदू को जिला बनाने पर खूब विवाद हुआ था। राजनीतिक दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा था कि दूदू में केवल तीन तहसील आती हैं,इसलिए इतने छोटे से इलाके को जिला बनाने का औचित्य क्या है। गौरतलब है कि जिलों के रिव्यू के लिए बनी कमेटी के संयोजक डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा दूदू से विधायक हैं।

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