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जानिए कौन थे अरविंद सिंह मेवाड़? मेवाड़ की धरोहर को संजोने वाले राजवंशीय गौरव....राजस्थान की शाही पहचान के संरक्षक

राजस्थान की शाही विरासत को एक और बड़ा आघात लगा है। उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के वंशज अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन हो गया है।
11:19 AM Mar 16, 2025 IST | Rajesh Singhal
राजस्थान की शाही विरासत को एक और बड़ा आघात लगा है। उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के वंशज अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन हो गया है।

Arvind Singh Mewar:राजस्थान की शाही विरासत को एक और बड़ा आघात लगा है। उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के वंशज अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन हो गया है। अपनी ऐतिहासिक पहचान और सांस्कृतिक धरोहर को संभालने वाले इस राजवंश के एक और स्तंभ का गिरना, न केवल उदयपुर बल्कि संपूर्ण मेवाड़ के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

80 वर्षीय अरविंद सिंह मेवाड़ लंबे समय से अस्वस्थ थे और उदयपुर स्थित सिटी पैलेस के शंभू निवास में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की खबर आते ही पूरे राजस्थान और मेवाड़ में शोक की लहर दौड़ गई। (Arvind Singh Mewar)सिटी पैलेस, जहां उन्होंने अपना जीवन बिताया, आज शोक में डूबा हुआ है।

परंपरा के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार सोमवार को शाही रीति-रिवाजों के साथ किया जाएगा। वह महान योद्धा महाराणा प्रताप के वंशज थे और मेवाड़ के पूर्व महाराणा भागवत सिंह मेवाड़ तथा महारानी सुशीला कुमारी मेवाड़ के छोटे पुत्र थे। पिछले साल 10 नवंबर 2024 को उनके बड़े भाई महेंद्र सिंह मेवाड़ का भी निधन हुआ था, और अब इस दुखद घटना ने मेवाड़ राजपरिवार को एक और गहरा आघात दिया है।

सिटी पैलेस में सन्नाटा, मेवाड़ में शोक

अरविंद सिंह मेवाड़ का जाना न केवल राजपरिवार बल्कि पूरे मेवाड़ के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वे केवल एक शाही वंशज ही नहीं, बल्कि मेवाड़ की परंपराओं और ऐतिहासिक धरोहर के सच्चे संरक्षक भी थे। उनके निधन के साथ एक गौरवशाली युग का अंत हो गया है।

सिटी पैलेस, जहां उन्होंने अपना जीवन बिताया और जहां से उन्होंने उदयपुर की ऐतिहासिक विरासत को संजोने और संवारने का काम किया, आज शोक में डूबा हुआ है। उनके निधन की खबर सुनते ही परिवार, अनुयायी और गणमान्य हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए सिटी पैलेस पहुंच रहे हैं।

शाही परंपराओं के अनुसार अंतिम संस्कार

सोमवार को राजघराने की पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ अरविंद सिंह मेवाड़ का अंतिम संस्कार किया जाएगा। वे महान योद्धा महाराणा प्रताप के वंशज थे और भागवत सिंह मेवाड़ तथा सुशीला कुमारी मेवाड़ के छोटे पुत्र थे।

उनके बड़े भाई महेन्द्र सिंह मेवाड़ का निधन पिछले साल 10 नवंबर 2024 को हुआ था। अब एक साल के भीतर मेवाड़ राजघराने को यह दूसरा बड़ा आघात लगा है, जिससे पूरे उदयपुर में शोक की लहर दौड़ गई है।

शिक्षा और करियर ...शाही विरासत से विश्व मंच तक

अरविंद सिंह मेवाड़ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर के प्रतिष्ठित मेयो कॉलेज से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने उदयपुर के महाराणा भूपाल कॉलेज से आर्ट्स में स्नातक किया।

अपनी उच्च शिक्षा के लिए वे यूनाइटेड किंगडम (UK) गए, जहां उन्होंने सेंट एल्बंस मेट्रोपॉलिटन कॉलेज से होटल मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की। कुछ समय के लिए वे अमेरिका में कार्यरत रहे, लेकिन अपने पुश्तैनी व्यवसाय और उदयपुर की सेवा के लिए वे वापस लौट आए।

वे एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे, जिससे उन्होंने मेवाड़ की शाही विरासत को एक नई ऊंचाई दी। इसके अलावा, वे महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन ट्रस्ट, महाराणा मेवाड़ ऐतिहासिक प्रकाश ट्रस्ट और राजमाता गुलाब कुंवर चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष भी रहे।

उदयपुर....मेवाड़ के विकास में महत्वपूर्ण योगदान

मेवाड़ राजवंश के 76वें संरक्षक के रूप में उन्होंने उदयपुर और पूरे मेवाड़ क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में पर्यटन को बढ़ावा मिला, ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण हुआ और सामाजिक कार्यों में नई ऊर्जा आई।

उन्होंने सिटी पैलेस को एक विश्वस्तरीय सांस्कृतिक स्थल में बदलने में अहम भूमिका निभाई और अपनी कार्यशैली से मेवाड़ की गौरवशाली विरासत को वैश्विक पहचान दिलाई।

अंतिम यात्रा...श्रद्धांजलि

उनके निधन के बाद, सोमवार (17 मार्च) सुबह 7 बजे से अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को शंभू निवास में रखा जाएगा। सुबह 11 बजे उनकी अंतिम यात्रा निकलेगी, जो बड़ी पोल, जगदीश चौक, घंटाघर, बड़ा बाजार, देहली गेट से होते हुए महासतिया पहुंचेगी, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

उनके निधन से मेवाड़ और उदयपुर ने अपनी विरासत का एक सच्चा संरक्षक खो दिया है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा और उनका नाम राजस्थान के स्वर्णिम इतिहास में अमर रहेगा।

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