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Asaram Parole: राजस्थान हाई कोर्ट से आसाराम को बड़ी राहत, इलाज के लिए मिली इतने दिन की पैरोल

Asaram Parole: बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम बापू (Asaram Parole) को राजस्थान उच्च न्यायालय बड़ी राहत मिली है। इलाज के लिए उन्हें सात दिनों की पैरोल दी गई है, जिसके बाद 85 वर्षीय आसाराम...
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Asaram Parole: बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम बापू (Asaram Parole) को राजस्थान उच्च न्यायालय बड़ी राहत मिली है। इलाज के लिए उन्हें सात दिनों की पैरोल दी गई है, जिसके बाद 85 वर्षीय आसाराम बापू पुलिस हिरासत में इलाज के लिए महाराष्ट्र जाएंगे। इससे पहले, उच्च न्यायालय ने आसाराम बापू की पैरोल की याचिका को दो बार खारिज कर दिया था, जिसमें उनकी रिहाई पर कानून और व्यवस्था के मुद्दों का हवाला दिया गया था। इस साल की शुरुआत में फरवरी में आसाराम बापू को सीने में तेज दर्द होने के बाद एम्स जोधपुर ले जाया गया था।

बलात्कार के आरोप में जेल में है आसाराम

आसाराम बापू को जोधपुर की एक पोक्सो अदालत ने अपने आश्रम में एक किशोरी से बलात्कार के लिए दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वह जोधपुर की सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। पिछले साल गुजरात की एक ट्रायल कोर्ट ने 2013 में सूरत के अपने आश्रम में एक महिला शिष्या से कई बार बलात्कार करने के लिए आसाराम बापू को दोषी ठहराया था।

मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम बापू द्वारा दायर याचिका में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था, जिसमें राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा चिकित्सा आधार पर सजा के निलंबन की उनकी याचिका को खारिज करने के फैसले को चुनौती दी गई थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि आसाराम बापू चिकित्सा उपचार के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं। अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से दायर अपनी याचिका में, आसाराम बापू ने कहा कि उनका स्वास्थ्य अनिश्चित है और "तेजी से बिगड़ रहा है"।

आसाराम के वकील की दलील

याचिका में कहा गया है कि आसाराम पहले ही 11 साल की सजा काट चुके हैं और उन्हें "कई बार दिल का दौरा पड़ चुका है"। अधिवक्ताओं ने 14 जनवरी की उनकी कोरोनरी एंजियोग्राफी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इसमें "99% तक धमनियों में रुकावट" दिखाई गई है। याचिका में कहा गया है, "याचिकाकर्ता, जो अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर है और 85 वर्ष से अधिक उम्र का है, उसे डर है कि अगर उसे अपनी पसंद के अस्पताल/डॉक्टर से उपचार लेने की अनुमति नहीं दी गई, तो वह जेल में मर सकता है, जो कि हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है, चाहे वह दोषी हो या विचाराधीन कैदी।"

इन शर्तों पर मिली पैरोल

कोर्ट ने आसाराम को पैरोल उनके सेहत को देखते हुए केवल इलाज कराने के लिए दी है। इस दौरान पुलिसकर्मी हर वक्त उनके साथ रहेंगे। इतना ही नहीं, जेल से बाहर होने के बावजूद वह पुलिस की कस्टडी में ही रहेगा और पुलिस के साथ ही वह इलाज के लिए महाराष्ट्र जाएगा। इतना ही नहीं, इलाज के दौरान होने वाले खर्च, साथ ही तैनात पुलिसकर्मी पर होने वाला खर्च का बीड़ा भी आसाराम को ही उठाना होगा। गौरतलब है कि, 31 अगस्त, 2013 को आसाराम को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद उसे 1 सितंबर को जोधपुर के जेल में रखा गया। तब से लेकर अब तक वह जेल में ही बंद था और यह उसकी पहली पैरोल जमानत है।

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