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Banswara: बांसवाड़ा की 600 साल पुरानी बारात...! दो लड़कों की शादी देखने क्यों उमड़ा पूरा गांव ?

बांसवाड़ा में होलिका दहन पर 600 साल पुरानी अनोखी परंपरा देखने को मिली, यहां दो लड़कों की शादी करवाई गई।
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Banswara News Rajasthan: राजस्थान में रंगों के त्योहार होली से ठीक एक दिन पहले आज होलिका दहन होगा। (Banswara News Rajasthan) मगर रंगों के इस दो दिन के त्यौहार में कई परंपराएं ऐसी भी दिखती हैं, जो सैकड़ों सालों से चली आ रही हैं। बांसवाड़ा में होलिका दहन से पहले ऐसी ही 600 साल पुरानी परंपरा निभाई गई। जिसमें दो लड़कों की अनूठी शादी को देखने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। क्या है यह परंपरा तफ्सील से समझिए...

2 लड़कों की शादी देखने उमड़ा गांव

बांसवाड़ा के बडोदिया गांव में होलिका दहन से पहले अनोखा विवाह देखने को मिला। इसके तहत ग्रामीणों ने पहले दो छोटे बच्चों की तलाश की। इनमें एक लड़के को दूल्हा और एक लड़के को दुल्हन बनाया गया। इसके बाद इन दोनों लड़कों को मंदिर ले जाया गया। गांव के प्रबुद्ध लोग इनके माता-पिता बने। इसके बाद आम शादियों की तरह ही दोनों लड़कों की शादी करवाई गई। फेरे हुए, वरमाला भी हुई। इस शादी को देखने पूरा गांव उमड़ा।

करीब 600 साल पुरानी है परंपरा

मंडप में दोनों लड़कों की शादी की रस्म पूरी करवाने के बाद दोनों को बैलगाड़ी में बिठाया गया। इसके बाद पूरे गांव में बिनौला निकाला गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले करीब 600 सालों से यह परंपरा चली आ रही है, जो आज भी कायम है। आज भी गांव में दो लड़कों को ढूंढकर उनकी शादी की रस्म करवाई जाती है, इसके बाद पूरे गांव में बिनौरा निकाला जाता है। इस परंपरा में आज भी लोग पूरे उत्साह से शामिल होते हैं।

समृद्धि के लिए शुरु हुई थी परंपरा

बांसवाड़ा के बाडोदिया गांव में यह परंपरा समृद्धि और वंश वृद्धि के लिए निभाई जाती है। स्थानीय लोग बताते हैं कि यह गांव तीन जगह बदलने के बाद यहां बसा। मगर गांव में समृद्धि नहीं आई, ऐसे में कुछ लोगों ने जानकारों से पूछा तो उन्होंने इस तरह की परंपरा शुरु करने का सुझाव दिया। तब से गांव में इस परंपरा का निर्वहन किया जाता है, गांव वाले मिलजुल कर इस रस्म को निभाते हैं।

(बांसवाड़ा से मृदुल पुरोहित की रिपोर्ट)

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