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HMPV वायरस का खतरनाक असर! बारां में मासूम बच्ची की तबीयत बिगड़ी, गंदगी बनी वजह

HMPV Virus In Baran: बारां जिले में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर खतरे की घंटी बज चुकी है। HMPV (ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस) जैसे गंभीर संक्रमण ने जिले में पहली बार दस्तक दी है। इस संक्रमण के पहले मामले ने न...
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HMPV Virus In Baran: बारां जिले में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर खतरे की घंटी बज चुकी है। HMPV (ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस) जैसे गंभीर संक्रमण ने जिले में पहली बार दस्तक दी है। इस संक्रमण के पहले मामले ने न केवल ग्रामीण इलाकों में दहशत फैला दी है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग को भी हाई अलर्ट पर ला दिया है।

बारां जिले के छीपाबड़ौद क्षेत्र के ग्राम बादलड़ा में 6 माह के मासूम में HMPV वायरस की पुष्टि हुई है। गुरुवार को कोटा मेडिकल कॉलेज से मिली रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ, जिससे पूरे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। (HMPV Virus In Baran)यह मामला सारथल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां तुरंत चिकित्सा टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

डॉ. नंद किशोर वर्मा, चिकित्सा प्रभारी सारथल, ने बताया कि कोटा के जेके लोन अस्पताल में भर्ती 6 माह के शिशु की रिपोर्ट में HMPV वायरस की पुष्टि हुई। इसके बाद से स्वास्थ्य विभाग ने न केवल परिजनों से बात कर स्थिति को समझा, बल्कि गांव में भी मॉनिटरिंग शुरू कर दी है। यह वायरस क्षेत्र में पहली बार पाया गया है, जिससे स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

बच्ची को लंबे समय से थी सर्दी-खांसी और बुखार

6 माह की मासूम बच्ची के पिता बबलू लोधा ने बताया कि उनकी बेटी जब दो माह की थी, तभी से सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित रहती थी। परिवार ने उसे अकलेरा, झालावाड़ और कोटा के कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। आखिरकार, उसे कोटा के जेके लोन अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। वहां बच्ची को 13 दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया और अब वह स्वस्थ होकर चार दिन पहले ही घर लौटी है। हालांकि, परिवार को HMPV वायरस के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

गांव में फैली गंदगी ... बदहाल हालात

ग्राम पंचायत भावपूरा के बादलड़ा गांव की स्थिति बेहद खराब है। लगभग चालीस घरों वाले इस गांव की सड़कों और रास्तों पर किचड़ और गंदगी फैली हुई है। चिकित्सा टीम को गुरुवार को जब गांव में निरीक्षण के लिए पहुंचना पड़ा, तो गंदगी के कारण उन्हें अपने वाहन गांव के बाहर ही खड़े करने पड़े। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में नालियां नहीं होने के कारण गंदा पानी सड़कों पर जमा रहता है। यह समस्या सालभर बनी रहती है, लेकिन ग्राम पंचायत इस ओर कोई ध्यान नहीं देती।

चिकित्सा टीम की सतर्कता

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में पहुंचकर न केवल बच्ची के परिवार से संपर्क किया, बल्कि पूरे गांव में लोगों की स्वास्थ्य स्थिति की भी जांच की। अधिकारियों ने माना कि गंदगी और कीचड़ जैसी स्थितियां गंभीर बीमारियों के फैलने का मुख्य कारण हो सकती हैं। अब विभाग ने पूरे गांव में स्वच्छता और स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है।

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