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बाड़मेर में तेल कंपनियां परोस रही जहर! खेतों में दिख रहा बर्बादी का आलम...जमीन में कई जगह दरारें

Barmer News:  राजस्थान के थार में बाड़मेर का रेतीला भविष्य सुनहरा बनाने के सब्जबाग सालों से सरकारें दिखाती रही है. हर 5 साल बाद सूबे में सरकार आती है और थार को दुबई जैसा बनाने और रोजगार देने के हजारों...
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Barmer News:  राजस्थान के थार में बाड़मेर का रेतीला भविष्य सुनहरा बनाने के सब्जबाग सालों से सरकारें दिखाती रही है. हर 5 साल बाद सूबे में सरकार आती है और थार को दुबई जैसा बनाने और रोजगार देने के हजारों वादे करती है लेकिन जमीनी स्तर पर हालात जस के तस रहते है. ताजा मामला बाड़मेर से है जहां केंयर्न वेदांता की ऑयल फील्ड से किसानों की लगातार तबाही के हालात पैदा हो गए हैं.

जानकारी के मुताबिक तेल उत्खनन के लिए बाड़मेर के एमपीटी समेत कई इलाकों में केमिकल युक्त पानी और दूसरे लिक्विड ऑयल के खेतों में फेंकने से खेतों की जमीन बर्बादी की ओर बढ़ रही है.किसान जिस मरुस्थलीय भूमि से अपने परिवार के लिए साल भर की फसल उगाता था अब वो पूरी तरह असहाय दिखाई दे रहे हैं. इससे पहले भी कई ऑयल फील्ड में केमिकल और भूगर्भीय परीक्षणों के कारण यहां की जमीनों में दरार आ चुकी है.

इधर किसानों ने इस खेत बर्बादी का विरोध करते हुए बाड़मेर में आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार की है. वहीं कंपनी के कारण खेत बर्बादी पर केयर्न वेदांता ख़ामोशी की चादर ओढ़ सोए हुए है. बताया जा रहा है कि बड़े नेताओं और ब्यूरोक्रेसी की डायरेक्ट एप्रोच के चलते कम्पनी तक आम जनता की आवाज शायद पहुंच ही नहीं पाती है.

जमीनों की बर्बादी, खेतों का बुरा हाल

बीते दिनों करीब 3 किलोमीटर क्षेत्र में रहस्यमय परिस्थितियों में जमीन में दरारें आने के कारण भी यहां पर खूब हंगामा हुआ था.एमपीटी यानी मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल 200 फुटबॉल मैदान के बराबरी का ऑयल फील्ड है जहां होने वाली भूगर्भीय परीक्षणों से दरारें आने की बात मानी जा रही थी. जमीन में बड़ी-बड़ी दरारें आने की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बाडमेर ग्रामीण पंचायत समिति विकास अधिकारी व राजस्व विभाग की टीमों को भी मौके पर भेजा था लेकिन कोई खास कारण सामने नहीं आया.

दरअसल धमाकों की जोरदार आवाज के साथ कंपन से भूकम्प के झटके जैसे महसूस करने से किसानों के मकानों व टांको में दरारें आ गई जिससे ग्रामीण दहशत में है. केयर्न वेदान्ता कम्पनी द्वारा ग्राम पंचायत छीतर का पार, चौखला के साथ आसपास के गांवों में कंपनी द्वारा अपने वेलपेड मे तेल निकालने को लेकर पिछले कई सालों से लगातार भूमिगत विस्फोट करने से किसानों के मकानों, घरेलु व खेतों मे बने टांकों व कृषि कुएं क्षतिग्रस्त हो गए थे.

कृषि कुंओं से निकल रही गैस व केमिकल युक्त पानी

इसके अलावा कम्पनी के द्वारा पर्यावरण प्रदूषण लगातार किया जा रहा है. वहीं कंपनी द्वारा छितर का पार व चौखला में दर्जनो वेलपेड के आसपास आज तक एक भी पौधरोपण नहीं किया गया है. पिछले सालों से किसानों की तरफ से दिए गए ज्ञापन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई जहां सिर्फ आश्वासन मिलता रहा. बता दें कि जोगासर में भी किसानों द्वारा खेतों में पानी के लिए ट्यूबवैल खुदाई करने पर पाइप लाइन में जहरीली गैस व केमिकल युक्त पानी निकल रहा है जिसको लेकर कई बार प्रशासन व कंपनी अधिकारियों को अवगत करवाया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

  • (बाड़मेर से दुर्ग सिंह राजपुरोहित की रिपोर्ट)

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