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खबर का असर: खारा गांव को मिलेगी जहरीली हवा से मुक्ति! फैक्ट्रियों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की सिफारिश

Bikaner Khara Village Pollution: देश की राजधानी दिल्ली सहित देशभर के कई राज्यों में जहरीली हवा ने जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है जहां वायु प्रदूषण वर्तमान में मानव जीवन की सबसे बड़ी आपदा बनी हुई है जहां सुप्रीम कोर्ट तक...
12:27 PM Dec 02, 2024 IST | ALANKAR GOSWAMI

Bikaner Khara Village Pollution: देश की राजधानी दिल्ली सहित देशभर के कई राज्यों में जहरीली हवा ने जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है जहां वायु प्रदूषण वर्तमान में मानव जीवन की सबसे बड़ी आपदा बनी हुई है जहां सुप्रीम कोर्ट तक में हवा की क्वालिटी पर चिंता व्यक्त की गई है. इधर राजस्थान में कई शहरों में वायु प्रदूषण से हालात खराब है जहां कई शहरों में हवा में जहर घुल गया है.

आज हम बात कर रहे हैं राजस्थान के बीकानेर जिले के एक ऐसे ही गांव खारा की जहां वायु प्रदूषण का मानक अन्य कई शहरों से ज्यादा है.  जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर बसे इस गांव में प्रदूषण से हालात ऐसे हैं कि गांव का हर घर पीड़ित है और यहां लोग अपनी बेटी की शादी करने से भी परहेज कर रहे हैं और गांव में औद्योगिक विकास लोगों की जान पर आफत बन गया है.

वहीं राजस्थान फर्स्ट में खबर चलाए जाने के बाद यहां के लोगों को फिर से उम्मीद जगी है जहां वायु प्रदूषण को लेकर जांच रिपोर्ट कमेटी ने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की चेयरमैन को रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में मिनरल जोन में स्थित सभी 40 पीओपी फैक्ट्रियों को किसी और जगह शिफ्ट करने की सिफारिश की गई है. मालूम हो कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने खारा के पास स्थित इन पीओपी फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुएं को खतरनाक माना है.

राजस्थान फर्स्ट ने प्रमुखता से दिखाई थी खबर

बता दें कि औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण से होने वाली बीमारियों को लेकर पीबीएम अस्पताल के श्वसन रोग विभाग की डॉ. गुंजन सोनी ने बताया कि खारा गांव में AQI लेवल बहुत ज्यादा है और यहां प्रदूषण में पीएम 10 कण पाए गए हैं जिससे खांसी, सांस लेने में दिक्कत, फेफड़ों में संक्रमण जैसी समस्याओं का खतरा है. वहीं वायु प्रदूषण से इस गांव के हर घर में एक से दो लोग श्वसन रोग से पीड़ित पाए गए हैं.

ऐसे में अब राजस्थान फर्स्ट में खबर दिखाए जाने के बाद जिला प्रशासन और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड सक्रिय हुआ है जहां बोर्ड के चीफ इंजीनियर सहित 3 वैज्ञानिकों की कमेटी ने खारा औद्योगिक क्षेत्र स्थित पीओपी की करीब 125 इकाइयों की छानबीन कर अपनी रिपोर्ट बोर्ड चेयरमैन अपर्णा अरोड़ा को सौंपी है. रिपोर्ट में प्रदूषण का कारण मिनरल जोन में स्थित पीओपी की 40 फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं को बेहद हानिकारक माना गया है.

फैक्ट्रियों को गांव से दूर लगाया जाए!

वहीं कमेटी ने इन सभी फैक्ट्रियों को गांव से दूर किसी और जगह पर शिफ्ट करने की सिफारिश की है और कई अन्य जरूरी सुझाव भी दिए हैं. इसके अलावा खारा गांव में प्रदूषण की समस्या का समाधान करने के लिए फैक्ट्री मालिक आगे आए हैं और खारा गांव में वायु प्रदूषण का मामला राज्यपाल और मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है.

इधर गांव के लोगो ने खारा गांव में वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान करने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा था. राजभवन ने इस संबंध में जन अभाव अभियोग निराकरण विभाग को 15 दिन में कार्यवाही कर सूचना देने के लिए पाबंद किया है. वहीं एक महिला की शिकायत पर मानवाधिकार आयोग ने जिला कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी है जिस पर जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने खारा सीनियर सेकंडरी स्कूल की प्रिंसिपल सुमनलता सेठी से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.

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