अब बीकानेर पूर्व राजघराने में मालिकाना हक का झगड़ा...थाने पहुंची बुआ-भतीजी, तकरार में जूनागढ़ समेत 3 प्रॉपर्टी
Bikaner Royal Family Dispute: देशभर में पिछले 2 दिनों से उदयपुर राजघराने के जमीन विवाद को लेकर चाचा-भतीजे की तकरार की चर्चा है जहां 25 नवंबर की रात सिटी पैलेस पर जमकर बवाल हुआ था. वहीं उदयपुर के बाद अब बीकानेर का पूर्व राजघराना भी सुर्खियों में आ गया है जहां एक प्रॉपर्टी विवाद को लेकर बीकानेर पूर्व विधायक सिद्दी कुमारी और उनकी बुआ राज्यश्री की जमीनों को लेकर बीछवाल थाने में एक मामला दर्ज किया गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को दर्ज हुए क्रॉस केस में एक मामला सिद्दी कुमारी पर होटल चलाने वाली एजेंसी और दूसरा मामला बुआ पर सिद्धी कुमारी के ट्रस्ट की ओर से संपत्ति खुर्द-बुर्द करने का दर्ज किया गया है. मालूम हो कि बीकानेर के पूर्व राजघराने के पास भी अन्य राजघरानों की तरह की अरबों रुपए की सम्पति है जिनमें लालगढ़ पैलेस, लक्ष्मी निवास पैलेस, जूनागढ़ जैसी शानदार कारीगरी शामिल है.
वहीं इन संपत्ति पर वर्चस्व को लेकर महाराजा करणी सिंह की बेटी और अंतरराष्ट्रीय शूटर राज्यश्री कुमारी और करणी सिंह के बेटे नरेंद्र सिंह की बेटी सिद्धि कुमारी के बीच विवाद चल रहा है जहां दोनों ही बुआ-भतीजी अपने-अपने ट्रस्ट का इन संपत्तियों पर अधिकार जता रही है. इससे पहले सिद्धि कुमारी ने अपनी बुआ राज्यश्री पर धोखाधड़ी और गलत तथ्य पेश करने का आरोप लगाते बुआ के साथ 3 लोगों पर केस करवाया था.
विधायक सिद्धि कुमारी पर हुई FIR
बता दें कि बीछवाल थाने में हाल में 2 एफआईआर दर्ज हुई है जहां लक्ष्मी निवास होटल को संचालित करने वाले मैसर्स गोल्डन ट्राइंगल फोर्ट्स एंड पैलेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के राजीव मिश्रा ने सिद्धि कुमारी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.
मिश्रा ने शिकायत में कहा है कि सिद्धि कुमारी उन्हें होटल संचालित करने में अड़चनें पैदा कर रही है. उनके पिता नरेंद्र सिंह ने उनकी फर्म के साथ 19-19 साल की 3 लीज डीड पर 15 जून 1999 को हस्ताक्षर किए थे जहां 57 साल के लिए इस लीज का पैसा दिया गया था लेकिन मिश्रा का आरोप है कि विधायक सिद्धि कुमारी और उनकी बहन महिमा कुमारी ने उन्हें पैलेस से बेदखल कर फरवरी 2011 तक 4 करोड़ रुपए वसूले हैं.
बुआ राज्यश्री पर भी हुई एफआईआर
वहीं सिद्धि कुमारी से जुड़े ट्रस्ट में कोषाध्यक्ष संजय शर्मा ने भी बीछवाल थाने में मामला दर्ज कराया है जिसमें बताया गया है कि देवस्थान विभाग ने राजस्थान पब्लिक ट्रस्ट के प्रावधानों के तहत नए बोर्ड ऑफ ट्रस्टी का नाम संशोधित कर दिया जिसके बाद उन्होंने जब 29 मई को चार्ज लिया तो पता चला कि सामान खुर्द-बुर्द कर दिया गया है और महत्वपूर्ण दस्तावेज वहां नहीं है जिसके बाद एफआईआर करवाई गई है.
गौरतलब है कि महाराजा करणी सिंह के समय और इसके बाद बीकानेर की संपत्तियों को लेकर कुछ ट्रस्ट बनाए गए थे जहां महाराजा करणी सिंह ने राज्यश्री को कुछ अधिकार दिए थे और इन्हीं ट्रस्टों के अधीन लालगढ़ पैलेस, लक्ष्मी निवास पैलेस और जूनागढ़ है जिनके मालिकाना हक को लेकर विवाद सालों से चल रहा है.
.