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Bundi: मेज नदी पर पहली सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना का काम पूरा, 17 गांवों के 25 हजार किसानों की बुझेगी प्यास

बूंदी जिले की सबसे लंबी मेज नदी पर प्रदेश की पहली सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना का काम पूरा हो गया है।
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Bundi News: (रियाजुल हुसैन) बून्दी जिले की फोलाई-गेंडौली पंचायत के 17 गांवों के 25 हजार किसानों के लिए नया साल 2025 खुशियां लेकर आया है। जिले की सबसे लंबी मेज नदी पर प्रदेश की पहली सोलर लिफ्ट सिंचाई परियोजना का काम पूरा हो गया है। यह राजस्थान की पहली ऐसी परियोजना है, जहां नदी से सोलर सिस्टम द्वारा किसानों को निशुल्क पानी मिलेगा और बिजली का उत्पादन भी होगा।

खास बात यह भी है कि सिंचाई विभाग सोलर प्लांट से बिजली का उत्पादन कर विधुत विभाग को बेच सकेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि इसी माह के अंत तक परियोजना की टेस्टिंग होने के बाद मार्च महीने से किसानों को सिंचाई का पानी मिल सकेगा। फ़िलहाल जलसंसाधन विभाग के तमाम अधिकारियों की यही कोशिश है कि जल्द परियोजना का शेष काम पूरा हो और किसानों को सिचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाया जा सके।

52 करोड़ रुपए की है परियोजना

जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता अजय सिंह गुर्जर ने जानकारी देते हुए बताया कि पानी लिफ्टिंग के लिए 167 किलोवाट के 2 सोलर प्लांट बनाए गए हैं। इसमें 522 सौर ऊर्जा की प्लेटें लगाई गई हैं। जनवरी माह के अंत में परियोजना की टेस्टिंग होगी। इसके बाद किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए पानी मिलना शुरू हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि नए साल में 52 करोड़ रुपए की इस परियोजना से 2 पंचायतों के किसानों को राहत मिलेगी। वर्तमान में किसान सालाना सिंचाई पर 7 करोड़ 50 लाख रुपए डीजल व बिजली पर खर्च कर देते हैं। इससे अब किसानों को राहत मिलेगी।

3 सालों से बिजली सप्लाई का था इंतजार

सोलर प्लांट का काम कर रही कम्पनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर कमलेश बताते है कि गत 3 वर्षों से प्रोजेक्ट का काम तैयार था। लेकिन सोलर प्लांट में बिजली सप्लाई नही होने से काम धीमी गति से चल रहा था। अब सोलर प्लांट में बिजली सप्लाई के लिए 8 करोड़ रुपए बिजली विभाग को जमा कराए हैं। इससे सोलर प्लांट से लेकर लाखेरी तक अलग से 33 केवी लाइन डाली है। वहीं, खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए भी 11-11 केवी लाइन डाली गई है।

हालांकि, कई जगह खेत मालिकों व अन्य लोगों ने लाइन डालने का विरोध भी किया। लेकिन 98 प्रतिशत लाइन डालने का काम पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि लाखेरी में अंडग्राउंड लाइन डाली जा रही है। नदी के पास ही 33 केवी जीएसएस बनाया गया है, इसमें ट्रांसफार्मर लगाया जा रहा है। अगले 10 से 15 दिन में कनेक्शन के बाद सोलर प्लांट चालू हो जाएगा। इसके बाद पानी सप्लाई के लिए टेस्टिंग शुरू हो सकेगी।

इस तरह से तैयार की परियोजना

लोहली गांव स्थित मेज नदी पर 6-6 मीटर के दो कुएं किनारे पर बनाए हैं। यहां से पानी साफ होकर 72 मीटर दूर 2 कुओं में पहुंचेगा। यहां 170 एचपी के 4 पंप लगाए हैं। 3 पंप तो 24 घंटे चालू रहेगे, 1 स्पेयर में रहेगा। यहां से 7 गांवों के 1987.84 हैक्टेयर खेतों में 10 किमी और नया पंचायत के 10 गांवों के 1997.78 हैक्टेयर खेतों में 12 किमी में डीआई पाइप लाइन बिछाई है। पंप रूम से सिचाई के लिए एचडीपीई पाइप बिछाए हैं। 4 हजार हैक्टेयर में 488 प्वाइंट बनाए गए हैं।

2019 में पूरी होनी थी परियोजना

जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता अजय सिंह गुर्जर ने बताया कि वर्ष 2019 में इस सोलर प्लांट परियोजना का काम पूरा होना था। लेकिन संवेदक की काम करने की धीमी गति के कारण परियोजना को कम्पलीट होने में 5 वर्ष का समय और अधिक लगा। यानी परियोजना 7 वर्ष बाद पूरी होने जा रही है। उन्होंने बताया कि परियोजना के तय समय पर पूरा नही होने पर सम्बंधित संवेदक फर्म को 3 करोड़ रुपये की पैनल्टी विभाग द्वारा लगाए जा चुकी है।

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