AI के आगे सरेंडर हुए चोर! चूरू पुलिस का पहली बार प्रयोग, बदमाशों की आंखों से पहचान कर दबोचा
Churu Police: तकनीक का जमाना है, सुई से लेकर ट्रेन तक तकनीक पर चल रही है, पानी से लेकर आसमान तक तकनीक से हम घिरे हुए हैं. समय के साथ तकनीक ने हमारा जीवन आसान किया है तो इसके अपने नुकसान भी हैं. वर्तमान में जिस तकनीक की सबसे ज्यादा चर्चा है वो है आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जी हां, जिसको AI भी कहते हैं. एआई की मदद से आजकल ह्यूमन टच वाले कितने ही कामों का रास्ता आसान हो गया है. वहीं हर क्षेत्र में एआई का इस्तेमाल तेजी से हो रहा है.
राजस्थान के चूरू जिले में एक चोरी के मामले में पुलिस ने पहली बार AI तकनीक की मदद से चोरों तक पहुंचने में सफलता हासिल की है जिसकी काफी चर्चा हो रही है. आइए समझते हैं कि पुलिस ने इस चोरी का कैसे खुलासा किया और एआई ने कैसे चोरों तक पहुंचने में पुलिस की मदद की.
दरअसल बीते दिनों चूरू के मुख्य बाजार में एक ज्वेलर्स की दुकान से 2 करोड़ 70 लाख की चोरी को अंजाम दिया गया. जानकारी के मुताबिक चोरों ने 17 लाख नकदी, 1.5 किलो सोना और 2 क्विंटल चांदी के बर्तन उड़ा लिए. बताया गया कि वारदात को यूपी की बैटरी गैंग ने अंजाम दिया. पुलिस के पास मामला पहुंचा 1 दिसंबर को और रतनगढ़ थाने में मामला दर्ज किया गया. अब पुलिस ने चोरों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया और एक हजार CCTV कैमरे खंगाले.
पुलिस ने खंगाले 1 हजार CCTV कैमरे
चूरू पुलिस के कप्तान जय यादव ने जानकारी दी कि वारदात के समय आरोपियों ने मुंह पर मास्क और हाथों में दस्ताने पहने थे जिसके बाद इस चोरी की घटना को अंजाम दिया था ऐसे में आरोपियों को पकड़ना पुलिस के लिए एक बड़ा चैलेंज था.पुलिस की टीम ने रतनगढ़, राजलदेसर, परसनेऊ, बीदासर, जसवंतगढ़ बाईपास और लाडनूं में करीब 1000 CCTV कैमरे खंगाले जहां एक फुटेज में सबसे पहले एक संदिग्ध गाड़ी दिखी और यहीं से जांच आगे बढी.
चूरू SP जय यादव के मुताबिक इसी गैंग ने बंगाल में भी 4 किलो सोना चुराया था ऐसे में पुलिस ने एआई से कार के नंबरों का पता लगाने में कामयाब रही. बता दें कि वारदात से जुड़े सीसीटीवी फुटेज में कार के नंबर धुंधले दिखाई दे रहे थे ऐसे में पुलिस ने नंबरों की सही पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज एटीएस और एसओजी को वीडियो भेजे फिर एआई टेक्नोलॉजी की मदद से चोरों की कार के नंबरों की पहचान हुई.
200 से भी अधिक फोटो बनवाए
पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में बदमाशों की नकाब में आंखे दिख रही थी जिसके बाद नकाब में छिपे चेहरों की फोटो बनवाई गई और इन फोटो की 200 से भी अधिक फोटो से सिक्वेंसिंग कराई गई जिसकेब बाद आरोपियों की पहचान हुई. पुलिस ने इसके बाद सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार की लोकेशन हासिल की और पुलिस को कार के कुचामन शहर में जाने की जानकारी मिली जहां आखिरी लोकेशन आशियाना कॉलोनी में पाई गई. वहां पुलिस ने पहुंचकर यूपी निवासी भगीरथ बावरी, अजय सिंह बावरी और यादराम बावरी को हिरासत में लिया तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल किया. अब इस वारदात में शामिल अन्य 2 आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं.
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