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IRS अधिकारी की अनूठी पहल! गंगा नदी छोड़कर खेत में किया मां का अस्थि विसर्जन! आखिरी इच्छा की पूरी

दौसा में खेती करने वाली महिला के निधन के बाद परिजनों ने उनकी अस्थियों को गंगा नदी के बजाय अपने खेत में ही विसर्जित किया।
12:01 PM Dec 04, 2024 IST | Rajasthan First

Dausa News Rajasthan: पुष्पेंद्र मीना. राजस्थान के दौसा जिले में खेती- किसानी करने वाली एक महिला का निधन हो गया।  (Dausa News Rajasthan) महिला के निधन के बाद परिजनों ने उनकी अंत्येष्टि की और फिर अपने ही खेत में उनकी अस्थियों का विसर्जन कर दिया। जबकि आमतौर पर अस्थि विसर्जन गंगा नदी में ही किया जाता है। मगर इस परिवार ने अपने खेत में ही अस्थि विसर्जन किया तो पूरे गांव में इसकी चर्चा चल पड़ी।

महिला की मौत के बाद खेत में अस्थि विसर्जन

यह मामला दौसा जिले के ठीकरिया गांव का है। जहां किसान परिवार की 85 साल की महिला किशनी देवी के निधन के बाद परिजनों ने उनकी अस्थियों का विसर्जन पारंपरिक तरीके से नहीं, बल्कि खेतों में किया। इसकी वजह महिला का खेती-बाड़ी से गहरा लगाव था। परिजनों का कहना है कि मां की इच्छा के अनुसार ही ऐसा किया गया। मृतक महिला के बेटों का कहना है कि मां का पूरा जीवन खेती-बाड़ी में बीता, वह चाहती थीं की मौत के बाद भी वह इस मिट्टी से दूर ना हों।

खेती से था लगाव, खुद जताई थी इच्छा

महिला के परिवार के सदस्य धर्म सिंह का कहना है कि किशनी देवी को खेती बाड़ी से बहुत लगाव था। उन्होंने खेती के साथ-साथ कई फलदार तथा छायादार पेड़ लगाए। मृतक महिला के बेटों का कहना है कि मां मौत के बाद भी उस मिट्टी में शामिल होना चाहती थीं, जिसका अन्न खाकर उन्होंने परिवार का भरण पोषण किया। इसलिए उन्होंने अपने निधन से पहले कहा था कि मेरी मौत के मेरी अस्थियों को खेतों में पानी बहाकर विसर्जित कर देना।  बेटे जगनमोहन और विमल कुमार ने बताया कि मां की इच्छा अनुसार उनकी अस्थियों एवं राख का विसर्जन खेतों में किया गया।

अब मृत्युभोज की जगह बनवाएंगे पुस्तकालय

गांव के लोग बताते हैं कि किशनी देवी ने मेहनत कर खेतीबाड़ी की और अपने सभी बच्चों को उच्च शिक्षा दिलवाई। अब इनका एक बेटा विमल कुमार भारतीय राजस्व सेवा में है। पौत्र भारतीय प्रशासनिक सेवा में है। जबकि परिवार के कई बच्चे शिक्षक हैं। किशनी देवी के बेटे विमल कुमार का कहना है कि वह मृत्युभोज पर भी अनावश्यक खर्च नहीं करेंगे। बल्कि इस पैसे को बालिका शिक्षा और गांव में पुस्तकालय विकास पर खर्च करेंगे।

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