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राजस्थान से था मनमोहन सिंह का खास नाता, आखिरी बार यहां से पहुंचे थे राज्यसभा...जानें क्यों बीजेपी ने नहीं उतारा था उम्मीदवार

Dr. Manmohan Singh: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने गुरुवार रात 92 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे जिसके बाद कल रात करीब 9:51 बजे दिल्ली के एम्स में...
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Dr. Manmohan Singh: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने गुरुवार रात 92 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे जिसके बाद कल रात करीब 9:51 बजे दिल्ली के एम्स में इमरजेंसी वार्ड में उनका निधन हो गया. 2004 में देश के 14वें प्रधानमंत्री की कमान संभालने वाले मनमोहन सिंह मई 2014 तक दो बार देश के मुखिया रहे जहां उन्होंने पीएम की कुर्सी पर दो कार्यकाल पूरे किए. वहीं मनमोहन सिंह देश के पहले सिख और सबसे लंबे समय तक रहने वाले चौथे प्रधानमंत्री थे. उनके निधन के बाद अब देश में 7 दिनों का केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शोक घोषित किया है और उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.

मनमोहन सिंह के निधन के बाद देशभर में शोक की लहर है जहां प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति से लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया है. जानकारी के मुताबिक मनमोहन का पार्थिव शरीर कल कांग्रेस मुख्यालय में रखा जाएगा जहां आम लोग उन्हें श्रद्धांजलि देंगे और इसके बाद राजघाट के पास उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

बता दें कि मनमोहन सिंह 3 अप्रैल को राज्यसभा से रिटायर हुए थे जिसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लिया था. वे 1991 में पहली बार असम से राज्यसभा पहुंचे थे जिसके बाद करीब 33 साल तक वे राज्यसभा के सदस्य रहे. वह छठी और आखिरी बार 2019 में राजस्थान से राज्यसभा सांसद बने थे.

2019 में निर्विरोध चुने गए राज्यसभा सांसद

दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आखिरी बार राजस्थान से ही राज्यसभा सांसद चुने गए थे जहां 2019 में उनके चुनाव में बीजेपी ने उनके सामने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था और वह सदन में निर्विरोध सदस्य चुने गए थे. बता दें कि बीजेपी के राज्यसभा सदस्य रहे मदनलाल सैनी के निधन के बाद राजस्थान से यह सीट खाली हुई थी.

इससे पहले सिंह असम से 5 बार राज्यसभा सदस्य रहे. वहीं राजस्थान से 2019 में जब कांग्रेस की ओर से मनमोहन सिंह के नाम का ऐलान हुआ तो राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट का खेमा एकजुट दिखाई दिया पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नामांकन से लेकर चुनाव नतीजों तक लगातार सक्रिय रहे.

बीजेपी ने नहीं उतारा था उम्मीदवार

इसके अलावा 2019 में राज्यसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में गहलोत सरकार थी ऐसे में सत्ता पक्ष के विधायकों की संख्या को देखते हुए उस दल का राज्यसभा उम्मीदवार जीतना आसान होता है. उस दौरान कांग्रेस के पास 100 से ज्यादा विधायक थे और इसी संख्या बल के चलते बीजेपी ने कांग्रेस के मनमोहन सिंह के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था. वहीं मनमोहन सिंह ने अपना कार्यकाल पूरा किया और राजनीति से दूर हो गए.

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