Rajasthan: 'स्पीकर वासुदेव देवनानी नेक इंसान, मगर...' क्या बोले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा?
Govind Dotasara On Vasudev Devnani: राजस्थान में सरकार और विपक्ष के बीच सियासी घमासान सात दिन बाद भी नहीं थमा है। (Govind Dotasara On Vasudev Devnani) मंत्री के दादी कहने पर शुरु हुआ गतिरोध माफी पर अटका, अब अमर्यादित शब्दों तक पहुंच गया है। स्पीकर का कहना है कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने अमर्यादित भाषा बोली, यह आसन का अपमान है। अब इस मामले में PCC चीफ गोविंद सिंह डोटासरा का भी बयान आया है।
'वासुदेव देवनानी नेक इंसान, मगर...'
राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने खुद पर लग रहे अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल के आरोपों पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि वासुदेव देवनानी नेक इंसान हैं, उनको भावुक देखकर मन को कष्ट पहुंचा। मगर उन्होंने बिना तथ्य जाने प्रतिक्रिया दी, जो अपेक्षा से परे है। डोटासरा ने कहा कि फिर भी देवनानी को कष्ट पहुंचा तो मैं व्यक्तिगत तौर पर मिलकर खेद प्रकट करुंगा। मगर मंत्री की माफी का सवाल फिर भी बाकी रहेगा।
'5 दिन बाद भी मंत्री की माफी क्यों नहीं?'
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान और सदन नहीं चलने के दौरान हुए संपूर्ण घटनाक्रम पर सदन में मेरे द्वारा प्रकट किए गए खेद के एक-एक शब्द की गवाह राजस्थान की जनता है। सदन में उत्पन्न गतिरोध का कारण मंत्री अविनाश गहलोत की अशोभनीय टिप्पणी है, जो उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लिए की। इंदिरा जी का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मगर पांच दिन बाद भी न तो मंत्री की माफी हुई है और न ही अशोभनीय टिप्पणी को कार्यवाही से हटाया गया है।
विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सदन के भीतर एवं सदन नहीं चलने के दौरान हुए संपूर्ण घटनाक्रम पर सदन में मेरे द्वारा प्रकट किए गए खेद के एक-एक शब्द की गवाह राजस्थान की जनता है।
लेकिन उसके बावजूद कल अध्यक्ष महोदय को एक समाचार पत्र में छपी कपोल-कल्पित ख़बर पर भावुक देखकर मन को कष्ट… pic.twitter.com/fTfs7D4Nz3
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) February 26, 2025
'क्या सरकार के दवाब में हैं स्पीकर ?'
PCC चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी को कार्यवाही से नहीं हटाना अन्यायपूर्ण और देश के महानायकों का अपमान है। हम गतिरोध खत्म करना चाहते हैं, इसलिए पूरे घटनाक्रम पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और मैंने खेद प्रकट किया। मगर इसके बावजूद क्या अध्यक्ष महोदय के लिए मंत्री से माफी मंगवाना और अपमानजनक टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाना इतना बड़ा काम है? या अध्यक्ष सरकार के दबाव में ऐसा नहीं करवा पा रहे?
सरकार-विपक्ष में गतिरोध क्यों?
राजस्थान विधानसभा में पिछले दिनों मंत्री अविनाश गहलोत ने इंदिरा गांधी को आपकी दादी कहकर संबोधित किया था। इस पर कांग्रेस विधायकों ने विरोध जताया और आसन तक पहुंच गए। आसन की तरफ आने पर छह कांग्रेस विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया। तब से ही इस मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है। एक बार सहमति भी बनी। मगर माफी पर बात बिगड़ गई।
सत्ता पक्ष का कहना है कि गोविंद डोटासरा आसन तक आने के लिए माफी मांगें, सहमति के वक्त यही बात हुई थी। उधर, डोटसरा का कहना है कि पहले मंत्री माफी मांगे, मेरी माफी मांगने की तो बात ही नहीं हुई। इसके साथ ही उन्होंने सदन में अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल करने के आरोपों पर कहा कि अगर उनके पास इसका सबूत होता तो वो वीडियो जारी कर देते।
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