राजस्थान में शिक्षा विभाग के कैलेंडर पर बवाल! इंदिरा गांधी की नो एंट्री...सावरकर का वेलकम, आगबबूला हुई कांग्रेस
Rajasthan Shivira Panchang Controversy: राजस्थान में भजनलाल सरकार के शिक्षा विभाग की तरफ से सरकारी स्कूलों के लिए जारी कैलेंडर (शिविरा पंचांग) पर सियासत गरम हो गई है जहां कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने हो गई है. सरकार की ओर से इस नए सत्र के शैक्षणिक कैलेंडर में 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के उपलक्ष्य में ‘‘स्वर्ण मुकुट मस्तक दिवस’’ और 28 मई को वीर सावरकर जयंती मनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है. वहीं कैलेंडर में प्रदेश की सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों में हर साल 19 नवंबर को मनाई जाने वाली पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती का कोई जिक्र नहीं है. इस कैलेंडर के सामने आने के बाद कांग्रेस का गुस्सा फूट गया है जहां कांग्रेसी नेताओं के हमले तेज हो गए हैं.
हालांकि शिविरा पंचाग में शिक्षा विभाग के सत्र 2024-25 के लिए इंदिरा गांधी पुण्य तिथि को शामिल किया गया है. मालूम हो कि शिविरा पंचांग में हर साल 19 नवंबर से इंदिरा गांधी की जयंती के दिन से लेकर अगले एक सप्ताह तक कौमी एकता सप्ताह स्कूलों में मनाया जाता रहा है लेकिन इस बार इसका नाम बदलकर समरसता सप्ताह किया गया है. इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने का नोटिफिकेशन जारी किया था. भजनलाल सरकार के इस आदेश पर पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस शिक्षा के राजनीतिकरण और छात्रों पर राज्य सरकार की विभाजनकारी विचारधारा थोपे जाने का विरोध करती है.
#Bikaner: राजस्थान शिक्षा विभाग के शिविरा पंचांग में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती नहीं मनाने को लेकर कांग्रेस ने जताया आक्रोश
शिक्षा विभाग द्वारा जारी कैलेंडर को लेकर अब राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है जहां विभाग द्वारा जारी शिविरा पंचांग में पूर्व प्रधानमंत्री… pic.twitter.com/auao9Claaj
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) July 31, 2024
वीर सावरकर की शिविरा पंचांग में एंट्री
मालूम हो कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1975 को देश में आपातकाल लगाए जाने का ऐलान किया था जिसके विरोध में ही केंद्र सरकार ने इस दिन को संविधान हत्या दिवस मनाने का तय किया है.वहीं अब इधर राजस्थान में भजनलाल सरकार ने इंदिरा जयंती को शामिल नहीं करने को लेकर इसे मोदी सरकार की राह पर चलना माना जा रहा है. इसके अलावा शिविरा पंचांग में पहली बार स्वर्ण मुकुट मस्तक दिवस को शामिल किया गया है जिसकी तारीख 5 अगस्त रखी गई है. दरअसल 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से धारा-370 हटाई गई थी.
वहीं 28 मई को वीर सावरकर जयंती मनाने का जिक्र भी शिविरा पंचांग में किया गया है. सरकार के नए पंचांग के अनुसार 28 मई को सावरकर उत्सव, 4 फरवरी को सूर्य नमस्कार दिवस, 7 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती के रूप में मनाया जाएगा. वहीं, वैलेंटाइन डे यानि 14 फ़रवरी को माता-पिता दिवस और 23 जनवरी को देश प्रेम दिवस यानी सुभाष चंद्र बोस दिवस के रूप में मनाया जाएगा.
अब कांग्रेस हुई हमलावर
इधर शिविरा पंचांग में 19 मई को इंदिरा गांधी की जयंती का जिक्र नहीं होने पर बीकानेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष यशपाल गहलोत ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती को भूल जाना सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है. आयरन लेडी की जयंती पर पहले भी कई कार्यक्रम होते रहे हैं और इस बार सरकार द्वारा उनकी जयंती पर पंचांग में जगह नहीं देना सरकार की दुर्भावना दिखाता है. उन्होंने कहा कि पंचांग के माध्यम से हमारे देश के नेताओं की जयंती या उनके अवसान पर कार्यक्रम आयोजित कर हमारे बच्चों को उनके देश को दिए योगदान की याद दिलाता है ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री के जयंती को शिविरा पंचांग से हटाने की मैं कड़ी निंदा करता हूं.
वहीं यूआईटी के पूर्व चेयरमैन मकसूद अहमद ने सरकार के इस कदम की भर्त्सना करते हुए कहा कि 19 नवंबर को देश आयरन लेडी इंदिरा गांधी की जयंती मनाता है सरकारी स्कूलों में भी इस दिन कार्यक्रम होते थे लेकिन भाजपा सरकार को हमेशा से ही नेहरू परिवार से दिक्कत रही है जहां 31 अक्टूबर को इंदिरा गांधी के निधन को देश कौमी एकता दिवस के रुप में मनाया जाता है आज आरएसएस ने इस दिवस को समरसता दिवस घोषित कर दिया है. अहमद ने कहा कि भाजपा सरकार देश के सामाजिक ताने-बाने को नष्ट कर आरएसएस के एजेंडे को लागू करना चाहती है.
(बीकानेर से अलंकार गोस्वामी के इनपुट के साथ)
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